नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी ने अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को आगे लाने के लिए योजना बनाई है तथा पार्टी शासित राज्यों में इस वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ झूठ बोलते हैं और ओबीसी और वंचित समुदायों के कल्याण के लिए कोई काम नहीं हो रहा। खरगे ने कांग्रेस के ‘ओबीसी भागीदारी न्याय सम्मेलन’ में कहा, ”नरेन्द्र मोदी ‘झूठों के सरदार’ हैं। झूठ बोलना ही उनका काम है।
उन्होंने देश से झूठ बोला कि हर साल युवाओं को 2 करोड़ नौकरी दूंगा, विदेश से कालाधन लाऊंगा, सबको 15-15 लाख दूंगा, किसानों की आय दोगुनी कर दूंगा, पिछड़े वर्ग की आमदनी बढ़ा दूंगा।” उन्होंने आरोप लगाया, ”नरेन्द्र मोदी संसद तक में झूठ बोलते हैं। इसलिए हमें लोगों को समझाना चाहिए कि नरेन्द्र मोदी देश को गुमराह कर रहे हैं और झूठ बोलने वाले प्रधानमंत्री देश, समाज का भला नहीं कर सकते।” कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ”मोदी जी खुद को ओबीसी बोलते हैं, पहले वो सामान्य वर्ग में थे, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी जाति को ओबीसी की सूची में डाल दिया। फिर उन्होंने अपनी चालबाजी शुरू की, ओबीसी के लोगों के बीच बोलते हैं कि ‘भाईयों-बहनों मैं पिछड़ा वर्ग का हूं, मुझे सताया जाता है। लेकिन अब वो सबको सता रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा, ”आरएसएस और भाजपा जहर देने वाले हैं। ये लोग आपको (ओबीसी) बांटने का प्रयास करेंगे, लेकिन आपको बंटना नहीं है। अगर एससी, एसटी, ओबीसी,अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के लोग एकजुट हो गए तो कांग्रेस पार्टी को कोई हिला नहीं सकता।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका सत्यानाश’ के रास्ते पर है। खरगे ने कटाक्ष करते हुए कहा, ”मोदी 75 साल के होने जा रहे हैं, वह पद कब छोड़ेगे? यह मुद्दा भी हमारे सामने है।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी को देश की नहीं, सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है।” खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी को आगे लाने की योजना बनाई है।
उन्होंने कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों का आह्वान किया कि वो ओबीसी केंद्रित योजनाएं शुरू करें। उन्होंने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने अब कहा है कि इसे पूरे देश में किया जाएगा। खरगे ने आरोप लगाया, ये लोग गरीबों को खत्म करना चाहते हैं। आरएसएस और हिंदू महासभा एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं को मताधिकार देने के पक्ष में नही थे। यह अधिकार बाबासाहेब आंबेडकर और पंडित जवाहरलाल नेहरू के कारण मिला। उन्होंने दावा किया कि ये लोग मतदाता सूची को बदलकर मताधिकार को खत्म करना चाहते हैं।