एमसीडी चुनाव: कांग्रेस का दिल्ली में रह रहे पूर्वांचल के लोगों से वादा, छठ घाटों को करेंगे बहाल

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पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने के प्रयास के तहत कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने यमुना के तट पर छठ घाटों को बहाल करने और उन्हें बिना किसी बाधा के अपना त्योहार मनाने के लिए अन्य सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया है। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख अनिल चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ”झूठे वादें” कर राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले पूर्वांचलियों के साथ “विश्वासघात” किया है और उनके महापर्व के आयोजन तक में रोड़े अटकाए।

उन्होंने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने पूर्वांचलियों के लिए छठ घाटों का निर्माण कराया था और मैथिली-भोजपुरी अकादमी की भी स्थापना की थी। चौधरी ने कहा, “दिल्ली को लंदन, पेरिस और सिंगापुर जैसा बनाने का सपना बेचकर सत्ता में आई केजरीवाल सरकार पिछले आठ सालों से वायु और जल प्रदूषण तक को रोकने में विफल रही है। उन्होंने कहा, यमुना का पानी जहरीला और अत्यधिक दूषित है, जिससे दिल्लीवासियों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। ज्ञात हो कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव प्रचार तेज होने के साथ ही भाजपा, आप और कांग्रेस सभी पूर्वांचलियों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वाचल के लोगों की एक बड़ी तादाद राष्टीय राजधानी में रहती है।

एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में बसे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भोजपुरी भाषी मतदाताओं की आबादी यहां के कुल 1.46 करोड़ मतदाताओं में से करीब एक तिहाई है। भाजपा और आप ने पूर्वांचली पृष्ठभूमि के करीब 50 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वांचलियों को महत्वपूर्ण उपस्थिति है। दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के चुनाव के तहत मतदान चार दिसंबर को होने हैं।

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