जाने वाला है मानसून, 14 साल में अगस्त महीने में सबसे कम हुई बारिश

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगस्त महीने में केवल 41.6 मिमी. बारिश दर्ज की गई, जो 14 वर्षों में सबसे कम है। इसका प्रमुख कारण उत्तर पश्चिम भारत में मौसम प्रणाली की अनुपस्थिति है। मौसम विशेषज्ञ इस महीने बारिश की कमी का कारण उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर तीन कम दबाव वाले क्षेत्रों के विकास को दे रहे हैं, जिसने मानसून को मध्य भारत की ओर खींच लिया और इसे लंबे समय तक उत्तर की ओर नहीं बढ़ने दिया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला ने अगस्त में 247 मिमी. की सामान्य बारिश के मुकाबले केवल 41.6 मिमी. बारिश दर्ज की। मार्च इस साल का सबसे गर्म महीना था। आईएमडी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में पिछले साल अगस्त में 214.5 मिमी, 2020 में 237 मिमी. और 2019 में 119.6 मिमी. बारिश दर्ज की गई थी।

विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि अगले पांच से छह दिनों में दिल्ली में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है, हालांकि आसमान में बादल छाए रहेंगे। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (जलवायु परिवर्तन और मौसम विज्ञान) महेश पलावत ने कहा, तीन कम दबाव वाले क्षेत्र (एलपीए) अगस्त में उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित हुए। इस कारण ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दक्षिण पाकिस्तान में अच्छी बारिश हुई।

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