कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन की आक्रमकता की सख्त निंदा करने के बजाय कच्चातिवु पर झूठे विमर्श का सहारा ले रहे हैं। खरगे ने यह आरोप उस वक्त लगाया है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की है। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है। भारत का यह रुख रहा है कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है और ”काल्पनिक” नाम रखने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा। खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”जब चीन उकसावे की कार्रवाई करता है, तो प्रधानमंत्री मोदी कच्चातिवु पर झूठे विमर्श की शरण लेने की कोशिश करते हैं।
अपने चीनी समकक्ष के साथ कम से कम 19 दौर की द्विपक्षीय वार्ता के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी भारतीय क्षेत्रों का ‘नाम बदलने’ की इस बेतुकी बात को रोकने के लिए चीन पर किसी भी राजनयिक प्रभाव का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं।” उन्होंने दावा किया, ” इसकी वजह साफ है। डोकलाम और गलवान के बाद और लद्दाख में 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे तथा अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में कई अतिक्रमणों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आसानी से चीन को क्लीन चिट दे दी। तथाकथित “56 इंच” और “लाल आंख” ने ‘चाइनीज ब्लिंकर’ पहन रखा है।” खरगे ने आरोप लगाया कि कोई भी बात इस तथ्य को नहीं बदल सकती कि गलवान में 20 भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को खुली छूट दे दी। उन्होंने कहा, ”चीन विभिन्न देशों के क्षेत्रों पर दावा करने और उनका नाम बदलने में आदतन अपराधी रहा है। हम, भारत के लोग, चीन की इन बेतुकी हरकतों की निंदा करने में एकजुट हैं।” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार कम से कम इतना तो कर ही सकती है कि चीन की इन ऊटपटांग हरकतों और बयानों पर कड़ी निंदा और फटकार लगाए।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को कच्चातिवु के बजाय चीन की आक्रमकता पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, ”अब, प्रधानमंत्री हाल के मुद्दों पर बात करने के बजाय कच्चतिवु के मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं।
2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनी सैनिकों ने कब्जा कर लिया है और यह एक सच्चाई है। लद्दाख के सांसद (जमयांग त्सेरिंग नामग्याल) ने इस ओर इशारा किया है।” चिदंबरम ने कहा कि इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय क्षेत्र में कोई चीनी सैनिक मौजूद नहीं है और भारतीय क्षेत्र का कोई भी हिस्सा चीनी सैनिकों के कब्जे में नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कच्चातिवु से जुड़े विवाद को लेकर कहा कि भारत के रणनीतिक हितों और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के महत्व को चुनावी बयानबाजी में नहीं खोना चाहिए क्योंकि इसके दीर्घकालिक निहितार्थ हैं।