विपक्ष ने भाजपा सांसद बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ाया, भाजपा ने किया पलटवार

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विपक्षी दलों के नेताओं ने सदन में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर दबाव बढ़ाया। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश, जो घटना के समय पीठासीन सभापति के रूप में संचालन कर रहे थे, उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने बिधूड़ी को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए बिरला को पत्र लिखा है। सुरेश ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह घटना के समय सदन में शोर-शराबे और अनुवाद सेवाएं बहुत अच्छी नहीं होने की वजह से बिधूड़ी के शब्दों का सही अर्थ नहीं समझ सके, हालांकि उन्होंने सदस्यों के रुख को भांपते हुए विवादित टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया।

बिधूड़ी के बयानों को लेकर भाजपा आलोचना का सामना कर रही है। इस बीच, पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में अली के आचरण पर सवाल उठाया और अध्यक्ष से लोकसभा में बसपा सांसद और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) तथा द्रविंड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) जैसे दलों के सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का आग्रह किया। दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के ‘अशोभनीय’ आचरण और टिप्पणियों की भी जांच करनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने अली पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में विधूड़ी के भाषण के दौरान टोका-टोकी करने तथा अप्रिय टिप्पणियां करने का आरोप लगाया एवं कहा कि उनके ऐसा करने का मकसद उन्हें (बिधूड़ी को) उकसाना था कि वह अपना धैर्य खो दें।

दुबे ने आरोप लगाया कि अली ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘बहुत ही आपत्तिजनक और अपमानजनक’ टिप्पणी की। वहीं, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हरियाणा प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदय भान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। देब ने सवाल उठाया कि क्या किसी विपक्षी नेता ने इसकी निंदा की। बिधूड़ी द्वारा लोकसभा में दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर शुक्रवार को एक बड़ा विवाद पैदा हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी दी तथा उनकी पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। बिधूड़ी की टिप्पणियों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है।

विपक्षी दलों ने बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा पर निशाना साधा है। भाजपा ने दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बृहस्पतिवार को लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा के दौरान बिधूड़ी की टिप्पणी पर हंगामा मच गया। इसके बाद सांसद अली ने कहा था कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वह सदन की सदस्यता छोड़ने पर विचार कर सकते हैं। कांग्रेस नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान ने शनिवार को मांग की कि लोकसभा में बसपा के सदस्य दानिश अली के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद बिधूड़ी को स्थायी रूप से निलंबित किया जाना चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में खान ने कहा कि संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है और यह संविधान में निहित सिद्धांतों एवं लोकाचार के अनुसार काम करती है। खान ने कहा कि बिधूड़ी का ”शर्मनाक” बयान न केवल एक सांसद का अपमान है, बल्कि ”हमारे लोकतंत्र के पवित्र स्थान” संसद का भी अपमान है। उन्होंने मांग की कि लोकसभा अध्यक्ष बिरला को रमेश बिधूड़ी का तत्काल स्थायी निलंबन कर एक कड़ा संदेश देना चाहिए। अली के खिलाफ कथित तौर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों पर दुख और हैरानी” जताते हुए तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के कविता ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मामले में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया। कविता ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ”हमारे राष्ट्र की सर्वोच्च विधायिका में सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा सांसद दानिश अली जी के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी सुनना दुखद और चौंकाने वाला है। इस तरह के व्यवहार का हमारे लोकतांत्रिक विमर्श में कोई स्थान नहीं है। मैं माननीय अध्यक्ष ओम बिरला जी से तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं।

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