राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को हरियाणा में अंबाला वायु सेना अड्डे से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगी। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः आठ जून 2006 और 25 नवंबर 2009 को पुणे के पास लोहेगांव स्थित वायुसेना अड्डे से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से उड़ान भरी थी। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने आठ अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायु सेना अड्डे से सुखोई-30 लड़ाकू विमान से उड़ान भरी। मुर्मू बतौर राष्ट्रपति इस लड़ाकू विमान से उड़ान भरने वाली तीसरी शख्सियत और दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष बनीं।
राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को हरियाणा के अंबाला जाएंगी, जहां वह राफेल से उड़ान भरेंगी।” फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान को औपचारिक रूप से सितंबर 2020 में वायु सेना अड्डा, अंबाला में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को 17वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ में शामिल किया गया था। ये विमान 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से लाए गए थे। पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए सात मई को शुरू ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में राफेल विमानों का इस्तेमाल किया गया था। इन हमलों के बाद चार दिन तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं।

