116 फेलो को बर्खास्त करने वाले अफसरों के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव पारित

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दिल्ली विधानसभा ने उन अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पारित किया, जिन्होंने उसके अनुसंधान केंद्र के 116 फेलो (अध्येताओं) की नियुक्ति समाप्त कर दी थी और मामले को अपनी विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया था। सत्र की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिडलान ने सदन द्वारा प्रस्ताव पारित होने के बाद, मामले को विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया और उसे एक महीने में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। विशेष सत्र के पहले दिन प्रस्ताव पेश करने वाले आप विधायक संजीव झा ने कहा कि फेलो को हटाना सदन की अवमानना है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शहजाद पूनावाला, सांसद प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा सहित कुछ भाजपा नेताओं ने अफवाह फैलाई कि नियुक्त किए गए कुछ लोग आप विधायकों और नेताओं के रिश्तेदार थे।

उनका दावा था कि उन्हें लेकर भी ऐसी ही अफवाह फैलाई गई। झा ने कहा कि उन्होंने ऐसे नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। झा ने दिल्ली असेंबली रिसर्च सेंटर (डीएआरसी) में 116 फेलो की नियुक्ति का बचाव करते हुए कहा कि वे अत्यधिक योग्य थे और दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों द्वारा लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से चुने गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि फेलो को हटाने का उद्देश्य दिल्ली सरकार के काम में बाधा डालना था क्योंकि वे विधायकों को उनके कामकाज को अच्छी तरह से सुविज्ञ तरीके से संचालित करने में मदद करने के अलावा नीति और कार्यक्रमों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य आप सरकार को बदनाम करना भी है। पिछले हफ्ते, दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने डीएआरसी कार्यक्रम के तहत 116 कर्मियों को हटाने के आदेश जारी किए।

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