आईपीएस की खुदकुशी की घटना से साबित होता है कि भाजपा सरकार में दलित सुरक्षित नहीं: प्रियंका गांधी

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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या को देश पर एक ”धब्बा” करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यह घटना इस बात का सबूत है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में न तो दलित सुरक्षित हैं और न ही उनके लिए न्याय है। कांग्रेस महासचिव वाद्रा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि कुमार ने जाति-आधारित उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की। कांग्रेस नेता ने कहा, ”उनका परिवार न्याय की तलाश में भटक रहा है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।”

प्रियंका गांधी ने अपने पोस्ट में कहा, ”यह पूरी घटना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा राज में ऊंचे पदों पर पहुंचने के बाद भी दलित समाज के लोग सुरक्षित नहीं हैं और न ही उनके लिए कोई न्याय है। ऐसी शर्मनाक घटनाएं देश और समाज पर कलंक हैं।” उन्होंने कहा, ”विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी ने चंडीगढ़ में वाई. पूरण कुमार के परिवार से मुलाकात की, उनका दुख साझा किया और इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुमार के परिवार से मुलाकात की और कहा कि कुमार की मौत किसी एक परिवार के सम्मान का सवाल नहीं, बल्कि सभी दलितों के सम्मान का सवाल है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया।

परिवार से मिलने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कुमार का मनोबल गिराने और उनके करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके साथ सुनियोजित भेदभाव किया जा रहा था। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2001 बैच के अधिकारी कुमार ने सात अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आठ पन्नों का ‘अंतिम नोट’ छोड़ा था, जिसमें हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर ‘जातिगत भेदभाव, निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान तथा अत्याचार’ का आरोप लगाया गया है।