कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक और स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की सोच को प्रतिबिंबित करता है और दावा किया कि भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस पर हमला कर रहे हैं। राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए प्रचार के आखिरी दिन पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर जिले के खटकर कलां गांव में किसानों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ कांग्रेस के आनंदपुर साहिब से उम्मीदवार विजय इंदर सिंगला भी थे। खटकर कलां भगत सिंह का पैतृक गांव है। गांधी ने कहा कि वह महान भगत सिंह के गांव का दौरा करके खुश हैं। उन्होंने कहा, “स्वतंत्र भारत में पहली बार संविधान पर हमला किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया, “नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और (अन्य) भाजपा नेताओं ने साफ कहा है कि अगर वे चुनाव जीत गए तो आंबेडकर के संविधान को फाड़कर फेंक देंगे।” अपने हाथों में संविधान की एक प्रति लेकर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक किताब नहीं है, संविधान गुरु नानक और अन्य महान लोगों की सोच को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा, “जब भाजपा और आरएसएस के लोग इस पर हमला करते हैं, तो वे देश के इतिहास और उसके दिल पर हमला करते हैं। इस चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण बात आंबेडकर के संविधान की रक्षा का मिशन है।” उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा खुलेआम संविधान पर हमला कर रही है।” एक बुजुर्ग महिला द्वारा मनरेगा में ‘मामूली’ मजदूरी के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि यदि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आता है, तो वह दैनिक मजदूरी 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर देगा। उन्होंने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी और आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ताओं का मानदेय चार जून के बाद दोगुना कर दिया जाएगा।
गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार केवल 22 अरबपतियों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कांग्रेस की प्रस्तावित महालक्ष्मी योजना के बारे में भी बताया जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को हर साल एक लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक वे गरीबी से बाहर नहीं आ जातीं, उन्हें यह पैसा मिलता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को नौकरी देकर केंद्र सरकार में 30 लाख रिक्त पदों को भरा जाएगा। गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सेना का अपमान है। उन्होंने कहा कि यदि ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आया, तो वह अग्निवीर योजना को कूड़ेदान में फेंक देगा। उन्होंने कहा कि सेना में दो तरह के जवान होना अस्वीकार्य है, एक को पेंशन, पूर्ण प्रशिक्षण और शहीद का दर्जा मिलेगा, जबकि अग्निवीर को न तो पेंशन मिलेगी और न ही शहीद का दर्जा। सरकार ने तीनों सशस्त्र सेवाओं की आयु सीमा को कम करने के उद्देश्य से कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए जून 2022 में अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की। इसमें साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, तथा 25 प्रतिशत को अगले 15 वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है।