लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छात्र आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि से जुड़ी एक रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि युवाओं की खुदकुशी चिंता की बात है और ऐसे में सरकार से अपेक्षा है कि वह नौजवानों के लिए योजनाएं बनाए तथा हर संभव सहयोग दे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के आधार पर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में छात्र आत्महत्या की घटना चिंताजनक रूप से बढ़ी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां आत्महत्या की घटनाओं की संख्या में प्रतिवर्ष दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं छात्र आत्महत्या के मामलों में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है, जबकि छात्र आत्महत्या के मामलों की “कम रिपोर्टिंग” होने की संभावना है। राहुल गांधी ने अपने ‘व्हाट्सएप’ चैनल पर पोस्ट किया, ”देश मे युवाओं के बीच बढ़ता आत्महत्या दर बहुत ही दुखद और चिंताजनक है। पिछले दशक में, जबकि 0-24 आयु के लोगों की जनसंख्या 58.20 करोड़ से घटकर 58.10 करोड़ हो गई, छात्र आत्महत्याओं की संख्या चौंकाने वाले रूप से 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई।
उनका कहना है, ‘भारत आज सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है, लेकिन अफसोस की बात है की इस शक्ति को सही इस्तेमाल की सुविधाओं की जगह उन्हें कठिनाइयां और मजबूरियां मिल रही हैं। यह सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत ही गहरी समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि भयंकर बेरोज़गारी, पेपर लीक, शिक्षा में भ्रष्टाचार, महंगी पढ़ाई, सामाजिक उत्पीड़न, आर्थिक असमानता, मां-बाप का दबाव, आज के विद्यार्थी ऐसी अनगिनत समस्याओं से जूझते हुए सफलता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, ”मेरी सरकार से अपेक्षा है कि वो विद्यार्थियों और युवाओं के इस कठिन रास्ते को आसान करने की हर संभव योजना बनाएं, उनके रास्ते में बाधाएं नहीं, उन्हें समर्थन दे। विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिवावकों से अनुरोध है की उन्हें मानसिक समर्थन और प्रोत्साहन दें। उन्होंने कहा, ”देश के युवा साथियों से अपील है – समस्याओं के विरुद्ध आवाज़ उठाओ, सवाल करो, अपना हक़ मांगो- डरो मत! मैं आपके साथ खड़ा हूं और आपके अधिकार दिलाने के लिए सड़क से संसद तक लड़ता रहूंगा।