नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में ‘ संगठन सृजन ‘ अभियान के तहत निचले स्तर के संगठन में हो रहे बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि आदिवासी आबादी वाले राज्यों में पार्टी के भीतर 10-15 उर्जावान नेता होने चाहिए। उन्होंने पिछले दिनों आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों के एक समूह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात का वीडियो पार्टी की ओर से शुक्रवार को जारी किया गया। राहुल गांधी ने इस बातचीत में गुजरात में हाल ही में की गई जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा , ” हम नया कदम उठा रहे हैं। अभी गुजरात में हमने शुरू किया है।
गुजरात में हमने 41 जिला – शहर अध्यक्ष बनाए हैं । उसमें आदिवासी , दलित और दूसरे सभी वर्गों को स्थान दिया गया है। ” उनका कहना था , ” हम जिला अध्यक्षों के हाथ मजबूत करने जा रहे हैं। जिला अध्यक्ष कांग्रेस को चलाएगा , विचारधारा को बढ़ाएगा और सदस्यता बढ़ाएगा। जिला अध्यक्ष अब हमारा नोडल अधिकारी बन जाएगा। यह हम हिंदुस्तान के हर जिले में करेंगे। ” लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस में स्थानीय संगठन के बारे में निर्णय दिल्ली से नहीं , बल्कि बनांसकांठा और भरूच से होगा। उन्होंने कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ ‘ अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस ‘ के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया का हवाला देते हुए कहा , ” हमने इनको आदिवासी प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया है। अगर आदिवासी जिला है तो वहां टिकट के बारे में इनसे पूछा जाएगा…यह नहीं कहा जाएगा कि आपका कोई लेनादेना नहीं है।
उन्होंने कहा, ”यह ढांचा हम बना रहे हैं…हम चाहते हैं कि हर (आदिवासी आबादी वाले) राज्य में 10-15 ऊर्जावान आदिवासी नेता दिखें।” आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने एक बयान में कहा, ”आदिवासी विरोधी भाजपा और आरएसएस की मानसिकता से लड़ने के लिए आपको राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत होकर खड़े करना हम सबकी जिम्मेदारी है। आने वाले समय में गुजरात की तरह हम अन्य प्रदेशों में भी आदिवासियों को संगठन में बराबर की हिस्सेदारी देंगे और अपने लोगों को अपनी लड़ाई खुद लड़ने के लिए मजबूत बनाएंगे।” उनका कहना था, ”राहुल जी ने आदिवासी युवाओं को कांग्रेस में आगे लाने की बात की और आदिवासी बहुल जिलों के टिकट में आदिवासी कांग्रेस की भूमिका पर भी जोर दिया। यह हमारे लिए बहुत प्रेरणादायक है। हम सभी राहुल जी के मार्गदर्शन में पूरी ताकत से आदिवासी हितों की लड़ाई लड़ेंगे।