आरक्षण की 50 फीसदी सीमा तोड़ेंगे : राहुल गांधी

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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि देश में आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को तोड़ा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान पर लगातार हमला हो रहा है और पूरे देश में लोगों के हक छीने जा रहे हैं। यहां ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प’ जारी करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ”न्याय संकल्प में जो 10 घोषणाएं की गई हैं, उनकी गारंटी मेरी है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा में उन्होंने दो बातें रखी थीं-पहली, सामाजिक न्याय के लिए 50 फीसदी आरक्षण की दीवार को तोड़कर फेंक दिया जाएगा तथा दूसरी, देश में पिछड़े, अतिपिछड़े और दलितों को उचित भागीदारी नहीं मिली है, इसके लिए जाति-जनगणना कराई जाएगी।

उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने डर कर जाति-जनगणना की बात मान ली है। गांधी ने कहा कि यह संकल्प अतिपिछड़ों की आवाज है और इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में 20 वर्षों से सरकार में रहते हुए भी जनता दल (यू) के नेता ने अतिपिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेता ने कहा, ”नीतीश कुमार ने आपसे वोट लिया और बाद में आपको इस्तेमाल कर किनारे कर दिया।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान को मानने वाली पार्टी है, जबकि भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती है। गांधी ने संवाद के दौरान ‘हाइड्रोजन बम’ का भी उल्लेख किया और कहा कि यह ”जल्द आने वाला है।” इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प’ को कांग्रेस का पूरा समर्थन है।

गौरतलब है कि महागठबंधन का चुनाव घोषणा-पत्र बुधवार को पटना में जारी किया गया। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी और भाकपा माले सांसद सुदामा प्रसाद शामिल हुए थे। चुनाव घोषणा-पत्र के पहले हिस्से में महागठबंधन ने अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 10 वादे किए हैं, जिनमें पंचायत और स्थानीय निकायों में 30 फीसदी आरक्षण, एससी-एसटी की तरह ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण कानून’, आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाना तथा 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों और आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति (एसटी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान आदि प्रमुख है।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने अपने संबोधन में कहा कि 17 महीने की महागठबंधन सरकार के दौरान आरक्षण की सीमा 65 फीसदी की गई थी और केंद्र को इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन मांग नहीं मानी गई। उन्होंने भाजपा पर ”आरक्षण चोरी” का आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में बैठे लोग वही हैं, जिन्होंने पहले कर्पूरी ठाकुर को गालियां दी थीं। यादव ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार भ्रष्ट अधिकारियों के कब्जे में है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केवल ”चेहरे” की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ”हम सत्ता में आए तो ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।” पूर्व उपमुख्यमंत्री ने एक मंत्री पर ”अतिपिछड़ा पत्रकार की पिटाई” का आरोप लगाते हुए कहा कि जब उन्होंने इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई तो उलटे उनपर ही मामला दर्ज कर दिया गया।