हैदराबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर पलटवार करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जो रजाकार थे वे पाकिस्तान भाग गए और जो देश के प्रति वफादार हैं वे यहीं रह गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 40 साल से हैदराबाद लोकसभा सीट पर रजाकारों का कब्जा है। बृहस्पतिवार रात एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए औवेसी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अक्सर (हैदराबाद लोकसभा सीट के बारे में) बयान देते हैं कि ‘रजाकारों ने 40 साल तक शासन किया है’, ‘पुराना शहर (हैदराबाद) आईएसआईएस का अड्डा है और सर्जिकल स्ट्राइक की जाएगी’।” उन्होंने पूछा कि पुराने शहर हैदराबाद (जो मुख्य रूप से लोकसभा सीट है) के प्रति शाह और उनकी पार्टी के लोगों के अंदर इतनी नफरत क्यों है। उन्होंने कहा, “यहां कोई रजाकार नहीं हैं। यहां इंसान रहते हैं। जो रजाकार थे वे पाकिस्तान भाग गए। जो देश के प्रति वफादार हैं वे यहीं रह गए और 40 साल से आरएसएस को हरा रहे हैं और इस बार फिर से आपको और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराएंगे।”
देश 1947 में आजाद हुआ तब 562 रियासतों में से 559 रियासतें भारतीय संघ में शामिल हो चुकी थीं लेकिन कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद रियासत ने कोई फैसला नहीं लिया था। हैदराबाद की 85 फीसदी आबादी हिंदू थी जो भारत के साथ जाना चाहती थी, लेकिन तब के निजाम उस्माम अली चाहते थे कि हैदराबाद एक अलग मुल्क हो। इसके लिए उन्होंने एक सेना बनाई थी जिसे रजाकार कहा जाता था। ओवैसी ने कहा, ‘हिंदू भाई’ हैदराबाद संसदीय क्षेत्र में रहते हैं, जिनमें दलित, पिछड़े वर्ग के लोग, राजस्थान और विभिन्न अन्य समुदायों के लोग शामिल हैं। शाह की टिप्पणी पर औवेसी ने कहा कि इस बार किसी को डराने की जरूरत नहीं है। निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी डरा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि अमित शाह को उनके खिलाफ हैदराबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए था। ओवैसी ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता को पता चल गया है कि हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र में हवा किस दिशा में बह रही है। उन्होंने कहा, “यह कहना कि रजाकारों ने 40 साल से कब्जा कर रखा है…, क्या हैदराबाद भारत का अटूट हिस्सा नहीं है? हैदराबाद भारत का अटूट हिस्सा है और रहेगा, लेकिन देश के गृह मंत्री घबराए हुए हैं…।” अमित शाह ने बुधवार को हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं से भाजपा उम्मीदवार के माधवी लता को चुनने और इस संसदीय सीट को ‘रजाकारों’ से ‘मुक्त’ कराने का आग्रह किया था।