नेहरू का 14 अगस्त, 1947 का भाषण 20वीं सदी के सबसे उत्कृष्ट हिंदुस्तानी भाषणों में से एक: रमेश

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्वं संध्या पर पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि यह 20वीं सदी के सबसे उत्कृष्ट हिंदुस्तानी भाषणों में से एक है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”काफी समय बाद संविधान सभा की बहसों को दोबारा पढ़ने पर एक लगभग अज्ञात तथ्य सामने आया है। संविधान सभा की बैठक 14 अगस्त 1947 की रात 11 बजे शुरू हुई थी। यह वही ऐतिहासिक सत्र था, जो जवाहरलाल नेहरू के प्रसिद्ध भाषण ‘किस्मत से एक बाजी लगाई थी’ की वजह से अमर हो गया। यह सर्वविदित है कि जवाहरलाल नेहरू ने यह भाषण संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद के संबोधन के बाद दिया था।”

उनका कहना है, ”अभिलेखों से पता चलता है कि इसके अलावा भी कुछ ऐसा हुआ था, जिस पर उस ऐतिहासिक भाषण के प्रभाव के कारण पर्याप्त ध्यान नहीं जा पाया था।” रमेश के अनुसार, डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बोलने के बाद, जवाहरलाल नेहरू ने शुरुआती लगभग छह मिनट तक हिंदुस्तानी में भाषण दिया था। इसके बाद ही उन्होंने लगभग आठ मिनट का ‘किस्मत से बाजी लगाने’ वाला भाषण अंग्रेजी में दिया, जो इतिहास बन गया।” उन्होंने कहा, ”जवाहरलाल नेहरू का वह हिंदुस्तानी भाषण बेहद काव्यात्मक था और उसमें ‘किस्मत से बाजी लगाने’ के सार को अत्यंत सुंदर ढंग से व्यक्त किया गया था। अपने आप में, यह 20वीं सदी के सबसे उत्कृष्ट हिंदुस्तानी भाषणों में से एक है। सौभाग्य से, इस भाषण का पाठ (लिखित रूप से) और उसका ऑडियो रिकॉर्ड -दोनों ही आज उपलब्ध हैं।