मोदी सरकार के ‘मित्रवादी पूंजीवाद’ से मिला कुछ कंपनियों को लाभ, कांग्रेस का बड़ा आरोप

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कांग्रेस ने सोमवार को मोदी सरकार पर ‘मित्रवादी पूंजीवाद’ का आरोप लगाया और कहा कि कंपनियों को विस्तार करना चाहिए, लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि किसी कंपनी का एकाधिकार न हो और सत्ता तक पहुंच का किसी को अनुचित लाभ न मिले। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की निगरानी में बाजार का संकेंद्रण लगातार बढ़ रहा है और दूरसंचार, विमानन, सीमेंट, इस्पात और टायर जैसे प्रमुख उद्योगों में यह नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक खबर साझा की जिसमें दावा किया गया है कि भारत के प्रमुख उद्योगों में बाजार संकेंद्रण में वृद्धि जारी रही, क्योंकि शीर्ष कंपनियों ने 2023-24 में विकास या अधिग्रहण के माध्यम से कारोबार का बड़ा हिस्सा हासिल कर लिया। रमेश ने आरोप लगाया, ”मित्रवादी पूंजीवाद ‘नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री” की बुनियादी आर्थिक नीति है। मोदी जी की देखरेख में बाजार का संकेंद्रण लगातार बढ़ रहा है और यह दूरसंचार, विमानन, सीमेंट, इस्पात और टायर जैसे प्रमुख उद्योगों में नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।” उन्होंने कहा, ”पिछले दो वर्षों में सभी उद्योगों में शीर्ष दो कंपनियों का राजस्व हिस्सा बढ़ा है। भारत में ज्यादातर उद्योग या तो मध्यम या अत्यधिक केंद्रित हैं।

रमेश के अनुसार, जैसा कि रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर और प्रसिद्ध वित्तीय अर्थशास्त्री विरल आचार्य ने स्थापित किया था, अडाणी समूह सहित पांच बड़े समूह 40 ऐसे क्षेत्रों में एकाधिकार बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ”कंपनियों को विस्तार करना चाहिए। लेकिन साथ ही, सरकार की यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी है कि प्रतिस्पर्धा को दबाया न जाए, अल्पाधिकार या एकाधिकार उभर कर सामने न आए, अधिग्रहण स्वतंत्र और निष्पक्ष हो तथा सत्ता तक पहुंच से अनुचित लाभ न मिले।