सुप्रीम कोर्ट ने गेटवे ऑफ इंडिया पर नए यात्री जेटी के निर्माण के खिलाफ खारिज की याचिका

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण मुंबई में ऐतिहासिक ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर नए यात्री जेटी और टर्मिनल के निर्माण को मंजूरी देने वाले मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ याचिका सोमवार को खारिज कर दी, जिससे इस परियोजनाओं पर काम जारी रहेगा। उच्च न्यायालय ने 15 जुलाई को गेटवे ऑफ इंडिया के निकट महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) द्वारा प्रस्तावित 229 करोड़ रुपये की लागत वाली यात्री जेटी और टर्मिनल सुविधा के निर्माण को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं को खारिज कर दिया था। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ लॉरा डी सूजा द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए कहा कि यह मुद्दा सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में आता है।

समुद्र में लगभग 1.5 एकड़ में फैली यह परियोजना गेटवे ऑफ इंडिया से लगभग 280 मीटर की दूरी पर होगी, जो दक्षिण मुंबई में रेडियो क्लब के पास स्थित है। याचिका के अनुसार, परियोजना योजना में 150 कारों की पार्किंग, वीआईपी लाउंज/प्रतीक्षा क्षेत्र, एम्फीथिएटर और टिकट काउंटर/प्रशासनिक क्षेत्र के साथ-साथ समुद्र में खंभों पर एक विशाल टेनिस रैकेट के आकार का जेटी बनाना शामिल है। ऐसा आरोप है कि इस परियोजना से स्थानीय लोगों को असुविधा होगी क्योंकि वाहनों की भीड़ की समस्या पर विचार नहीं किया गया है।