उच्चतम न्यायालय केरल सरकार की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने को तैयार हो गया, जिसमें राज्य सरकार ने केरल उच्च न्यायालय के, ‘अरिकोम्बन’ (हाथी) को पालक्काड जिले के परम्बिकुलम बाघ अभयारण्य में स्थानांतरित करने के निर्देश को चुनौती दी है। यह हाथी चावल की तलाश में राशन की दुकानों और घरों पर हमला कर देता है। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की एक पीठ ने सरकार की ओर से दाखिल प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें कहा गया है कि उस हाथी को स्थानांतरित करना मुश्किल काम है जो राज्य में अब तक कथित तौर पर सात लोगों को मार कर चुका है। राज्य सरकार के वकील ने कहा, केरल जैसे छोटे राज्य में हाथी को स्थानांतरित करना बेहद मुश्किल है।
पीठ ने कहा, आप तीन प्रतियां तैयार रखें। हम आज ही इस पर सुनवाई करेंगे। केरल उच्च न्यायालय ने हाथी ‘अरिकोम्बन’ को पालक्काड जिले को परम्बिकुलम बाघ अभयारण्य में स्थानांतरित करने के अपने फैसले पर पुर्नविचार करने से 12 अप्रैल को इनकार कर दिया था। केरल उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने पांच अप्रैल को अदालत में सुझाव दिया था कि हाथी को पालक्काड जिले के परम्बिकुलम बाघ अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाए। अदालत ने दो पशु अधिकार समूहों ‘पीपुल फॉर एनिमल्स’ (पीएफए) की त्रिवेंद्रम शाखा और ‘वॉकिंग आई फाउंडेशन फॉर एनिमल एडवोकेसी’ की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया था। हालांकि, बाघ अभयारण्य के आसपास के लोग अदालत के इस फैसले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
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