उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने जैन से तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा। जैन अभी अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। न्यायालय ने जैन को आत्मसमर्पण करने के लिए एक हफ्ते का वक्त देने के उनके वकील के मौखिक अनुरोध को ठुकरा दिया। शीर्ष अदालत ने जैन की नियमित जमानत याचिका पर 17 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसने 26 मई 2023 को जैन को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी थी और बार-बार जमानत की अवधि बढ़ायी जाती रही।
जैन ने मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के छह अप्रैल 2023 के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। ईडी ने जैन से कथित तौर पर जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन के आरोप में ‘आप’ नेता को 30 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया था। उसने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया था। जैन को सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में छह सितंबर 2019 को निचली अदालत ने नियमित जमानत दे दी थी। जैन ने इन आरोपों से इनकार किया है।