कैग की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

28
140

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उस जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा जिसमें भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की नियुक्ति की प्रक्रिया को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी’ नहीं है। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि कैग की नियुक्ति की मौजूदा प्रणाली में पारदर्शिता का अभाव है। पीठ ने अनुपम कुलश्रेष्ठ और अन्य की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर केंद्रीय कानून एवं न्याय तथा वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी किये।

याचिका में कैग की नियुक्ति के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया को भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ताओं की दलील है कि संबंधित प्रणाली स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं है। याचिका में कहा गया है कि मौजूदा प्रणाली के तहत केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाला कैबिनेट सचिवालय, कैग पद के लिए कुछ छांटे गये नामों की सूची प्रधानमंत्री के पास उनके विचारार्थ भेजता है। याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री उन नामों पर विचार करते हैं तथा उनमें से एक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजते हैं तथा वहां से मंजूरी के उपरांत चयनित व्यक्ति को कैग के रूप में नियुक्त किया जाता है।

28 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here