जल्द ही राजधानी में ग्रामीण व अन्य सेवा के लिए 87 नए रूटों पर बस सेवा की सौगात मिल सकती है। सर्वे के बाद परिवहन विभाग ने इन रूटों की पहचान की है। अब सर्वे में प्रस्तावित रूटों पर आम जनता और ट्रांसपोर्टर की आपत्ति के बाद मंजूरी दी जानी है। लंबे समय से ट्रांसपोर्टर मांग कर रहे थे कि मेट्रो सेवा के विस्तार होने, फ्लाईओवर व अंडरपास बनने से कुछ रूटों पर बसों के लिए यात्री नहीं है। इसलिए नए सिरे से सर्वे कराया जाए, जिसके आधार पर अन्य रूट तय कर बस सेवा संचालित करने के लिए परमिट जारी किया जाए।
दिल्ली में करीब 10 साल के बाद रूटों का नए सिरे से निर्धारण करने की प्रक्रिया अब अंतिम दौर में है। इनमें अधिकांश रूट ग्रामीण बस सेवा के लिए निर्धारित किए जाएंगे। इसके साथ ही मेट्रो फीडर बस सेवा से जुड़े रूटों को तय किया जाएगा। सर्वे में माना गया है कि मेट्रो सेवा के विस्तार के वजह से दिल्ली के बाहरी इलाकों में भी बड़ी संख्या में आबादी बसी है। जहां से हर रोज बड़ी संख्या में लोगों का मेट्रो स्टेशन या फिर शहर के अंदरूनी हिस्सों में आवागमन होता है। इन रूटों पर अभी तक कोई सीधे आवागमन का साधन नहीं है। कई रूट ऐसे हैं, जिनमें यात्रियों को ऑटो बदलकर मेट्रो स्टेशन या फिर शहर के अंदरूनी हिस्से में पहुंचने पड़ता है। इसलिए बाहरी दिल्ली से रिंग रोड को जोड़ने के लिए रूटों का विस्तार किया जाएगा। इसलिए अधिकांश रूट ग्रामीण बस सेवा के लिए चिन्हित किए गए हैं।
मौजूदा रूट में 42 फीसदी ही ठीक
बीते वर्ष परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में ट्रांसपोर्ट यूनियन से जुड़े लोगों ने दिल्ली में बसों के लिए नए रूट निर्धारित करने की मांग उठाई थी। उनका कहना था कि दिल्ली के मौजूदा 166 रूट में से करीब 70 ही रूट पर यात्री हैं। बाकी रूट मेट्रो सेवा के विस्तार होने और बड़ी संख्या में ऑटो रिक्शा संचालित होने से खत्म हो गए हैं। इसका अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि दिल्ली में 166 रूट पर पहले 6164 परमिट थे जो घटकर तीन हजार से भी कम रह गए हैं।
डिम्ट्स से कराया गया सर्वे
ट्रांसपोर्टर यूनियन कैपिटल लेबर वेलफेयर एसोसिएशन की मांग पर परिवहन विभाग ने दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) से नए रूटों का सर्वे कराने की फैसला लिया। डिम्ट्स ने बीते साल नए रूटों की पहचान की, जिनमें से कुछ रूट पर यूनियन ने दोबारा से सर्वे करने की मांग की और कुछ नए रूटों पर भी जानकारी दी। उसके बाद अब सर्वे की अंतिम रिपोर्ट तैयार की गई है। कैपिटल लेबर ड्राइवर्स वेलफेयर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंदू चौरसिया का कहना है कि अब हमने परिवहन मंत्री से मांग रखी है कि वो जल्द से जल्द प्रस्तावित रूट को वेबसाइट पर अपलोड कराएं, जिससे कि उस पर आम जनता और ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन की आपत्ति मांगा कर उनका निस्तारण किया जा सके। इसके बाद तत्काल रूटों को स्वीकृति देकर परमिट जाने करने की प्रक्रिया शुरू हो।