दिल्ली में वित्तीय विवाद के कारण दो महिलाओं की गोली मारकर हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार

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दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आर के पुरम इलाके में रविवार तड़के हमलावरों ने वित्तीय विवाद के कारण दो महिलाओं की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक आर के पुरम की आंबेडकर बस्ती में हुई गोलीबारी की इस घटना के सिलसिले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों का इन महिलाओं के भाई से वित्तीय विवाद था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी की घटना में शामिल आरोपियों के अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए इस घटना के एक कथित वीडियो के धुंधले फुटेज में गाली-गलौच के बीच गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है। वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि हमलावरों ने भागने से पहले अपने हथियारों से गोलीबारी की, जबकि एक महिला जमीन पर पड़ी दिख रही है और स्थानीय लोग दहशत में शोर मचा रहे हैं।

घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो महिलाओं की हत्या पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के पास शहर की कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण होता तो दिल्ली सबसे सुरक्षित जगह होती। राष्ट्रीय राजधानी में लोक व्यवस्था, भूमि और पुलिस पर उपराज्यपाल का नियंत्रण है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह घटना व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम है। पुलिस ने इस घटना के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि उन्हें सुबह करीब 4.40 बजे फोन आया, जिसमें ललित ने बताया कि उसकी बहनों को गोली मार दी गयी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”प्राप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की टीम मौके पर पहुंची जहां पता चला कि दो महिलाओं को गोली मारी गई थी और उन्हें सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। मृत महिलाओं की पहचान पिंकी (30) और ज्योति (29) के रूप में हुई है।

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त मनोज सी. ने कहा कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि हमलावर महिलाओं के भाई ललित को ढूंढ रहे थे और ऐसा लगता है कि पैसे को लेकर विवाद था। पुलिस उपायुक्त ने कहा, इस घटना के सिलसिले में मुख्य आरोपी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अर्जुन, माइकल और देव के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि आरोपी जुए में लिप्त रहे हैं और उनके खिलाफ पहले से कई मामले हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि देव ने ललित से करीब 10,000 रुपये उधार लिए थे लेकिन उसे लौटाने से इनकार कर दिया। ललित ने उसे धमकी भी दी और इसलिए, आरोपियों ने उसे सबक सिखाने का फैसला किया।

ललित के छोटे भाई लाल ने कहा, मेरे बड़े भाई ललित ने किसी को कर्ज के रूप में पैसे दिए थे। शनिवार को जब मेरे भाई ने उनसे पैसे वापस करने के लिए कहा तो उनकी आरोपी और कुछ अन्य लोगों के साथ तीखी बहस हुई। लाल ने कहा कि रविवार को तड़के लगभग दो बजे जब वे सो रहे थे, कुछ लोगों ने कथित तौर पर शोर मचाना शुरू कर दिया और उनके आवास का दरवाजा खटखटाया। लाल ने कहा कि डरकर उसने एक ही गली में रहने वाली अपनी दो बहनों सहित उनके रिश्तेदारों को बुलाया, लेकिन तब तक लोग जा चुके थे। लाल ने कहा, ”वे लोग बाद में पिस्तौल लेकर लौटे। वे मेरे भाई को निशाना बनाने आए थे। इसके बजाय, उसे बचाने के लिए दौड़ी मेरी दो बहनों को आरोपियों ने गोली मार दी… मेरी बहनें बेहोश हो गईं और आरोपी भाग गए। महिलाओं के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस सूचना मिलने के बावजूद देर से पहुंची। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि वे घटना के बारे में सूचित किए जाने के पांच मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए थे।

घटना पर, केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था अगर उपराज्यपाल के बजाय आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के अधीन होती, तो राष्ट्रीय राजधानी सबसे सुरक्षित होती। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, दोनों महिलाओं के परिवारों के साथ हमारी संवेदनायें। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। दिल्ली के लोग काफी असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। जो लोग दिल्ली की कानून व्यवस्था को संभालने के लिये जिम्मेदार हैं, वो कानून व्यवस्था ठीक करने के बजाय पूरी दिल्ली सरकार पर कब्जा करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा, आज अगर दिल्ली की कानून व्यवस्था उपराज्यपाल के बजाय आप सरकार के अधीन होती, तो दिल्ली सबसे सुरक्षित होती।

केजरीवाल की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखी ने कहा, मैं दिल्ली के लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि यह वही अरविंद केजरीवाल हैं, जिनके विधायक दिल्ली दंगों में शामिल थे। वे आईबी (खुफिया ब्यूरो) के अधिकारी अंकित की हत्या में शामिल थे। गुलेल, बंदूकों और पेट्रोल बमों की आपूर्ति इन्हीं लोगों द्वारा की गई थी। क्या ऐसे लोगों को कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जा सकती है? केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा कि आर के पुरम की घटना व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा है और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, ”जहां भी ऐसी घटना हुई है, सरकार की भूमिका प्राथमिकी दर्ज करने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें कानून के तहत अदालत में पेश करने की है। उन्होंने कहा, ”निचली अदालत की व्यवस्था दिल्ली सरकार के अधीन है। इसलिए, जब भी यह मामला अदालत में आए, तो आप यह सुनिश्चित करें कि दोषियों को सजा मिले। केजरीवाल के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर लेखी ने कहा, ”जो व्यक्ति कानून को नहीं समझता, वह मुख्यमंत्री बनकर बैठा है। मैं इस पर हैरान हूं।

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