नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं परिवार नियोजन के विकल्प तय करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें और उन पर अनचाहे गर्भधारण का बोझ न पड़े। ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के अवसर पर एक डिजिटल कार्यक्रम में “मां और बच्चे की भलाई के लिए गर्भधारण का उचित समय और अंतराल” पर चर्चा का नेतृत्व करते हुए उन्होंने कहा, “हमें उन राज्यों में कम टीएफआर (कुल प्रजनन दर) बनाए रखने की दिशा में काम करने की जरूरत है, जिन्होंने इसे पहले ही हासिल कर लिया है, तथा अन्य राज्यों में भी इसे हासिल करने की दिशा में काम करना होगा।
मंत्री ने कहा कि विकल्प के तौर पर आधुनिक गर्भनिरोधकों की उपलब्धता है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गर्भनिरोधकों को उपलब्ध कराने के रास्ते में आने वाली अड़चनों को दूर किया जाए, विशेष रूप से अधिक बोझ वाले राज्यों, जिलों और प्रखंडों में। नड्डा ने परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण पर नयी सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) सामग्री का एक संग्रह भी जारी किया। नड्डा ने कहा, “केंद्र और राज्यों को सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं परिवार नियोजन के विकल्प तय करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें और उन पर अनचाहे गर्भधारण का बोझ न पड़े।” उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय और विभाग के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता और समर्पण की भी सराहना की और कहा कि परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण में उपलब्धियां उनके बिना संभव नहीं होतीं।