राहुल गांधी जो भी कहते हैं, वह भारत को तोड़ने की दिशा में होता है: नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की इस टिप्पणी से कांग्रेस का ‘घिनौना सच’ सामने आ गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि ‘हम अब भाजपा, आरएसएस और ‘इंडियन स्टेट’ (भारतीय राज व्यवस्था) से लड़ रहे हैं’। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने जो कुछ भी किया या कहा है, वह भारत को तोड़ने और समाज को विभाजित करने की दिशा में होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा और आश्चर्य जताया कि फिर वह अक्सर भारतीय संविधान की प्रति अपने हाथ में लेकर क्यों घूमते हैं।

राहुल ने राष्ट्रीय राजधानी के कोटला रोड पर 9ए स्थित कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के बाद पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”यह मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। यदि आप मानते हैं कि हम भाजपा नामक एक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं या हम आरएसएस नामक एक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं तो आप नहीं समझ पाए हैं कि क्या हो रहा है।” उन्होंने कहा, ”भाजपा और आरएसएस ने हमारे देश के प्रत्येक संस्थान पर कब्जा कर लिया है। अब हम सिर्फ भाजपा नामक राजनीतिक संगठन और आरएसएस से नहीं, बल्कि ‘इंडियन स्टेट’ से भी लड़ रहे हैं।” राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर आरोप लगाया कि यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके ‘परिवेशी तंत्र’ के शहरी नक्सलियों और ‘डीप स्टेट’ के साथ ‘गहरे संबंध’ हैं जो भारत को ‘बदनाम, अपमानित और खारिज’ करना चाहते हैं।

‘डीप स्टेट’ ऐसे समूह को कहा जाता है जो गोपनीय तरीके से अपने विशेष हितों को पूरा करने के लिए, खासकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को अस्थिर करने के लिए काम करते हैं। नड्डा ने दावा किया कि राहुल गांधी ने जो कुछ भी किया या कहा है वह भारत को तोड़ने और हमारे समाज को विभाजित करने की दिशा में होता है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, ‘अब और कुछ छिपा नहीं है, कांग्रेस का घिनौना सच अब उनके अपने ही नेता द्वारा उजागर कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं राहुल गांधी को बधाई देता हूं कि उन्होंने साफ तौर पर वह कह दिया, जो देश जानता है- कि वह भारत के खिलाफ लड़ रहे हैं।’ भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का उन सभी ताकतों को प्रोत्साहित करने का इतिहास रहा है जो कमजोर भारत चाहते हैं।

नड्डा ने कहा, ‘सत्ता के लालच का मतलब देश की अखंडता से समझौता करना और लोगों के भरोसे को धोखा देना है।’ उन्होंने कहा कि भारत के लोग बुद्धिमान हैं और उन्होंने फैसला किया है कि वे राहुल गांधी और उनकी ‘सड़ी विचारधारा’ को हमेशा खारिज करेंगे। राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘संविधान की शपथ लेने वाले नेता प्रतिपक्ष अब कह रहे हैं कि अब हम भाजपा, आरएसएस और ‘इंडियन स्टेट’ से लड़ रहे हैं।’ उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘फिर, कांग्रेस और राहुल गांधी, आप अपने हाथ में संविधान की प्रति लेकर क्यों घूमते हैं?’ भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी ने देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने की शपथ ली थी, लेकिन अब वह राष्ट्र के खिलाफ लड़ने की बात कर रहे हैं।

उन्होंने गांधी के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का यह कहना कि राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भारत को सच्ची आजादी मिली, देशद्रोह के समान है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले शब्दों के लिए सात साल कैद का प्रावधान है। उन्होंने दावा किया, ‘यदि किसी ने अपराध किया है तो वह गांधी हैं।’ भाटिया ने कहा, ‘वास्तव में यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे पास विपक्ष का एक अंशकालिक, अपरिपक्व, गैरजिम्मेदार नेता है जो जॉर्ज सोरोस जैसी ताकतों और हमारे देश की विरोधी ताकतों के मार्गदर्शन में काम करता है।’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि वह एक धब्बा हैं और लोग उनके द्वारा आहत और निराश महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस, उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी का भी यही रुख है? इससे पहले, गांधी ने हालिया विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदान करने वालों के नाम और पते के साथ मतदाता सूची उपलब्ध कराने से इनकार कर रहा है, जबकि पारदर्शी होना उसका कर्तव्य है। उन्होंने दावा किया, ‘मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि महाराष्ट्र चुनाव में कुछ गलत हुआ है। हम चुनाव आयोग के काम करने के तरीके से असहज हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच अचानक करीब एक करोड़ नये मतदाताओं का सामने आना समस्या की बात है।’ उन्होंने सवाल किया, ‘चुनाव आयोग मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने से क्यों इनकार करेगा? हमें सूची न देकर किस उद्देश्य की पूर्ति होती है और वे इसे क्यों रोके हुए हैं?’ राहुल गांधी के अनुसार, पारदर्शिता सुनिश्चित करना निर्वाचन आयोग का कर्तव्य है और यह बताना उनकी पवित्र ज़िम्मेदारी है कि ऐसा क्यों हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह ऐसी बात है जिसे हर कांग्रेसी और हर विपक्षी सदस्य को ध्यान में रखना चाहिए। हमारी चुनाव प्रणाली में एक गंभीर समस्या है। पारदर्शी होना चुनाव आयोग का कर्तव्य है।