संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कांग्रेस पर लोकसभा के ‘प्रोटेम स्पीकर’ (अस्थायी अध्यक्ष) की नियुक्ति का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि लगातार सबसे लंबे समय से सदन के सदस्य भाजपा नेता भर्तृहरि महताब के चयन में परंपराओं का पालन किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा से सात बार के लोकसभा सदस्य महताब को ‘प्रोटेम स्पीकर’ नियुक्त किया है, जो लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है।
कांग्रेस ने इस पद के लिए आठ बार के लोकसभा सदस्य सुरेश की अनदेखी के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर “संसदीय मानदंडों को नष्ट करने” का आरोप लगाया है। रीजीजू ने दावा किया कि सुरेश आठ बार के सांसद हैं, लेकिन 1998 और 2004 में वह लोकसभा के सदस्य नहीं थे और इसलिए वह लगातार सांसद नहीं रहे हैं। जब उनसे कांग्रेस के इस दावे के बारे में पूछा गया कि सुरेश को इस पद के लिए इसलिए नजरअंदाज किया गया, क्योंकि वह दलित हैं तो मंत्री ने कहा, “क्या आपको लगता है कि इस तरह का तर्क वैध है।” मंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर इस मुद्दे पर “झूठ फैलाने” और “भ्रामक बयान” देने का आरोप लगाया। मंत्री ने पिछले उदाहरणों का हवाला देते हुए दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2004 में वरिष्ठता सिद्धांत की अनदेखी कर आठ बार के सांसद बालासाहेब विखे-पाटिल को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया था, जबकि जॉर्ज फर्नांडिस नौ बार के लोकसभा सदस्य थे। रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी ‘प्रोटेम स्पीकर’ के पद के लिए पीएम सईद और गिरिधर गमांग के दावों को नजरअंदाज किया है।