रेल, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद 1.25 लाख करोड़ रुपये का काला धन जब्त किए जाने का दावा करते हुए सोमवार को कहा कि पारदर्शिता इस सरकार के सुशासन मॉडल का एक अहम पहलू है। वैष्णव ने यहां ‘रेल भवन’ में संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि मोदी सरकार के समय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए करीब 4,300 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियों को कुर्क करने के साथ ही 1.75 लाख कंपनियों का पंजीकरण भी निरस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने लंबी सार्वजनिक सेवा के दौरान सुशासन के उस मॉडल में महारत हासिल कर ली है जिसकी शुरुआत गुजरात में हुई थी। उन्होंने कहा, अब गुजरात के उसी मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा रहा है।
वैष्णव ने कहा, सुशासन के इस मॉडल में बुनियादी तौर पर आम आदमी हरेक गतिविधि के केंद्र में होता है और पारदर्शिता भी इस मॉडल का एक अहम पहलू है। उन्होंने कहा, पारदर्शिता की बात करें तो करीब 1.75 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया, करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का काला धन जब्त किया गया और 4,300 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कुर्क भी की गई है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया और एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई की शुरुआत की गई।
उन्होंने कहा, राजीव गांधी ने एक बार कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजे जाने पर सिर्फ 15 पैसा ही जमीन तक पहुंचता है। अब वह बीते दिनों की बात हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पारदर्शिता के लिए 45 करोड़ जन-धन खाते खोले जिनकी मदद से 26 लाख करोड़ रुपये लाभार्थियों को भेजे गए। इस तरह 2.2 लाख करोड़ रुपये की संभावित रिसाव को रोका गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए पारदर्शी नीति अपनाकर 4.64 लाख करोड़ रुपये जुटाएऔर रिकॉर्ड 77.8 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ है।