केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत भले ही देशभर में लगभग 50 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नलजल की सुविधा मिल गयी है, लेकिन उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड में 25 प्रतिशत से कम परिवारों को चालू नलजल कनेक्शन मिला है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यूपी में सबसे कम 13.75 प्रतिशत, झारखंड में 20.01 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 23.26 प्रतिशत और राजस्थान में 24.58 प्रतिशत परिवारों को ही चालू नलजल कनेक्शन मिला है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य ग्रामीण भारत के सभी परिवारों को 2024 तक घरेलू नलजल कनेक्शन दिलाकर उन्हें सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। देश के 19.13 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 9.59 करोड़ के पास चालू नलजल कनेक्शन हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गोवा, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, पुडुचेरी और हरियाणा में पहले ही शतप्रतिशत परिवारों को नलजल कनेक्शन दिया जा चुका है , जबकि पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार में 90 प्रतिशत से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन मिले हैं और ये राज्य हर घर जल देने वाले राज्य का दर्जा प्राप्त करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड के बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह चिंता का विषय है और केंद्र सरकार मुद्दों को सुलझाने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि इन राज्यों में कवरेज कम होने के बावजूद, चालू नलजल कनेक्शन स्थापित करने के लिए जमीनी कार्य एक काफी तेजी से चल रहा है और जल्द ही इसके परिणाम दिखाई देंगे। जल जीवन मिशन के तहत सरकारी स्कूलों, ग्राम पंचायत कार्यालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और आंगनवाड़ी केंद्रों को भी नलजल कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 8.6 लाख स्कूलों, 8.89 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों और 3.51 लाख ग्राम पंचायत कार्यालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को नल से जलापूर्ति की गई है।
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