नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की बैठक में बृहस्पतिवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर आप सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आसन के समीप चले गए। महापौर शैली ओबेरॉय ने बैठक के शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर इसे स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा पार्षदों ने कार्यवाही की शुरुआत से ही सदन को जानबूझकर बाधित किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षदों ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाओं की कथित आपूर्ति को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को गिरफ्तार करने की मांग की। महापौर शैली ओबेरॉय ने सदन की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डालने की कोशिश करने को लेकर विपक्ष के नेता राजा इकबाल और भाजपा पार्षद रवि नेगी, योगेश वर्मा और गजेंद्र सिंह को सदन से 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
शैली ओबेरॉय ने संवाददाताओं को बताया, सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित करने के प्रयास की वजह से चार सदस्यों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। अगर निलंबन की अवधि समाप्त होने से पहले बैठक होती है तो उन्हें अगले सदन में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। निलंबन तथा सदन की अगली बैठक में प्रवेश पर रोक पर राजा इकबाल ने कहा कि आप नीत सरकार जन कल्याण से जुड़े मुद्दों पर जवाब नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि निलंबन के बावजूद वह अगली बैठक में हिस्सा लेंगे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ” हमें आज निलंबित किया गया है। महापौर नहीं चाहती हैं कि हम जनता की आवाज उठाएं। एमसीडी के इतिहास में पहली बार यह हुआ है। हमें सदन की बैठक से पहले एजेंडा के बारे में नहीं बताया गया।
हमने जो प्रश्न दिये थे, उन्हें खारिज कर दिया गया। महापौर ने सदन शुरू होने से पहले शोक प्रस्ताव पढ़ने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, हम सदन की अगली बैठक में हिस्सा लेते रहेंगे। भाजपा और कांग्रेस पार्षदों की भारी नारेबाजी के बीच सदन स्थगित कर दिया गया। हंगामे के दौरान विपक्षी पार्षदों ने तख्तियां ली हुईं थीं, जिनपर सौरभ भारद्वाज को जेल भेजो हाउस टैक्स माफी योजना लाओ क्या हुआ तेरा वादा पहली तारीख को सैलरी कहा था जैसे नारे लिखे हुए थे। हंगामे के बीच महापौर ने 18 प्रस्ताव पारित किए, तीन को स्थगित किया गया जबकि दो को वापस ले लिया गया। इन 18 प्रस्तावों में एक का संबंध दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर टौल टैक्स और ईसीसी की वसूली से है।