हम एक वीडियो दिखाएंगे और आपसे पूछेंगे कि मानवता क्या होती है, याचिकाकर्ता से बोला सुप्रीम कोर्ट

0
8

उच्चतम न्यायालय ने एक याचिकाकर्ता द्वारा आवारा कुत्तों के साथ ‘अमानवीय बर्ताव’ किए जाने की टिप्पणी पर बृहस्पतिवार को उससे कहा कि अगली सुनवाई पर एक वीडियो दिखाया जाएगा और ‘आपसे पूछा जाएगा कि मानवता क्या होती है।’ आवारा कुत्तों के मामले में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि मामले की सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को बैठने वाली तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ को रद्द कर दिया गया है। न्यायमूर्ति नाथ ने कहा कि मामले पर अगली सुनवाई सात जनवरी को होगी। सिब्बल ने कहा, ‘समस्या यह है कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने इस बीच कुछ नियम बनाए हैं जो पूरी तरह से विपरीत हैं।’ जब पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर सात जनवरी को विचार करेगी तो सिब्बल ने कहा कि अधिकारी दिसंबर में ही नियम लागू कर देंगे।

उन्होंने कहा, ‘वे इसे लागू करेंगे और कुत्तों को हटा देंगे। उनके पास आश्रय स्थल नहीं हैं।’ इस पर न्यायमूर्ति नाथ ने कहा, ‘कोई बात नहीं श्रीमान सिब्बल। उन्हें ऐसा करने दीजिए, हम विचार करेंगे।’ सिब्बल ने पीठ से मामले की सुनवाई शुक्रवार को करने का आग्रह करते हुए कहा कि अधिकारियों के पास कुत्तों के आश्रय स्थल भी नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यह जो किया जा रहा है वह बहुत ही अमानवीय है।’ न्यायमूर्ति मेहता ने सिब्बल से कहा, ‘अगली तारीख पर हम आपकी सुविधा के लिए एक वीडियो चलाएंगे और आपसे पूछेंगे कि मानवता क्या होती है।” सिब्बल ने जवाब दिया कि वह भी यह दिखाने के लिए एक वीडियो चलाएंगे कि क्या हो रहा है। उच्चतम न्यायालय ने शैक्षणिक केंद्रों, अस्पतालों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों जैसे संस्थागत क्षेत्रों में कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाओं में ‘खतरनाक वृद्धि’ का सात नवंबर को संज्ञान लिया और प्राधिकारियों को ऐसे कुत्तों को उचित नसबंदी और टीकाकरण के बाद निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में ले जाने का निर्देश दिया था। उसने निर्देश दिया था कि ऐसे संस्थानों से हटाए गए आवारा कुत्तों को वापस उन्हीं स्थानों पर नहीं छोड़ा जाए।