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दिल्ली हाईकोर्ट ने दुष्कर्म मामले में वकील के आत्मसमर्पण करने की समय सीमा बढ़ाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला अधिवक्ता द्वारा दर्ज कराए गए दुष्कर्म के मामले में एक पुरुष वकील के आत्मसमर्पण करने की अवधि बृहस्पतिवार को 17 नवंबर तक बढ़ा दी। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने सात नवंबर को 51 वर्षीय आरोपी वकील को उसकी जमानत रद्द होने के बाद अधीनस्थ अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। अदालत ने आरोपी को महिला वकील से संपर्क न करने का निर्देश दिया और कहा कि अगर वह ऐसा करता है, तो दिल्ली पुलिस उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि उसके आत्मसमर्पण के लिए समय एक सप्ताह बढ़ाया जाए।

आरोपी के वकील ने कहा कि उन्होंने जमानत रद्द करने के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है और सोमवार को इसे सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है। उच्च न्यायालय ने सात नवंबर को आरोपी वकील की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत रद्द कर दी थी और कहा था कि इसका एक मुख्य सिद्धांत कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना है। पिछले सप्ताह, अदालत ने दुष्कर्म के मामले में महिला वकील को उसके आरोप वापस लेने के लिए मजबूर करने में उनकी कथित भूमिका के लिए दो न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक जांच का भी आदेश दिया था। अपनी शिकायत में 27 वर्षीय महिला वकील ने आरोप लगाया है कि वह एक मित्र के माध्यम से आरोपी से मिली थी और एक पार्टी के लिए उसके घर गई थी, जहां आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में उससे शादी करने का वादा किया क्योंकि वह विधुर है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता इस साल पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंची

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता मंगलवार को पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई, जब औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 428 दर्ज किया गया। यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से मिली है। राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता पिछले कई दिनों से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में थी और यह मंगलवार सुबह ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, क्योंकि मौसम की स्थिर स्थिति और स्थानीय उत्सर्जन के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई। इस साल यह पहली बार है जब दिल्ली का एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गया है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछली बार शहर की वायु गुणवत्ता इतनी खराब दिसंबर 2024 में हुई थी। एक्यूआई को 401 और 500 के बीच “गंभीर” माना जाता है और यह तंदरुस्त व्यक्तियों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है, साथ ही पहले से बीमार लोगों में गंभीर श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ द्रमुक, तृणमूल की याचिकाओं पर निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस द्वारा दायर याचिकाओं पर निर्वाचन आयोग (ईसी) से मंगलवार को अलग-अलग जवाब देने को कहा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने निर्वाचन आयोग से नयी याचिकाओं पर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।

उच्चतम न्यायालय ने मद्रास और कलकत्ता उच्च न्यायालयों को तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची की एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हर प्रकार की कार्यवाही को स्थगित रखने का भी निर्देश दिया। उसने तमिलनाडु में इस प्रक्रिया का समर्थन करने वाली ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की हस्तक्षेप याचिका को सूचीबद्ध करने की भी अनुमति दी। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, द्रमुक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह प्रक्रिया बिना निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए, जल्दबाजी में की जा रही है और मतदाताओं से अलग-अलग दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु नवंबर-दिसंबर के दौरान हमेशा पूर्वोत्तर मानसून से प्रभावित रहता है और तटीय जिलों में इस मौसम में भारी बारिश होती है।

उन्होंने कहा, ”मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष भारी बारिश का अनुमान है। इस वजह से, आम लोग इसके लिए तैयारी कर रहे होंगे और राजस्व अधिकारी, जिन्हें बीएलओ, ईआरओ, एईआरओ बनाया गया है, को बाढ़ राहत का प्रबंधन भी करना होगा।” न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में, कुछ राज्यों को हमेशा प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। पीठ ने कहा, ”ऐसा लगता है कि हमारे सामने जो मामला पेश किया जा रहा है, वह यह है कि मतदाता सूची पहली बार तैयार की जा रही है। हम भी ज़मीनी हकीकत जानते हैं। एक संवैधानिक प्राधिकार है, जो यह कर रहा है और उसे ऐसा करने का अधिकार है। पहले भी ऐसा किया जा चुका है।” न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि समस्या यह है कि हर कोई ‘यथास्थिति’ चाहता है।

सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहते हैं कि निर्वाचन आयोग अपना काम करे, लेकिन इस तरह और जल्दबाजी में नहीं। पीठ ने कहा कि राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया से आशंकित नहीं होना चाहिए और आयोग इससे संबंधित सभी विवरण देगा। उसने कहा, ”अगर हमें लगता है कि कुछ गड़बड़ है, तो हम पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देंगे।” इस दलील पर कि एसआईआर के दौरान बिहार में अपनाई गई प्रक्रिया की तुलना में तमिलनाडु में अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं, पीठ ने कहा कि इसका अर्थ है कि निर्वाचन आयोग ने अपनी गलतियों को सुधार लिया है। निर्वाचन आयोग ने नवंबर से अगले साल फरवरी तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया का दूसरा चरण आयोजित करने की 27 अक्टूबर को घोषणा की थी। ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं – अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि असम के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण की घोषणा अलग से की जाएगी। असम में 2026 में चुनाव होने हैं। एसआईआर प्रक्रिया का दूसरा चरण चार नवंबर को शुरू हुआ और यह चार दिसंबर तक जारी रहेगा। निर्वाचन आयोग नौ दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।

सुरक्षा एजेंसियां दिल्ली विस्फोट में संलिप्त हर दोषी की तलाश करें : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली विस्फोट मामले में सलिप्त प्रत्येक दोषी की तलाश करें। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि इस विस्फोट में संलिप्त सभी लोगों को सुरक्षा एजेंसियों के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। शाह ने यह निर्देश राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के नजदीक सोमवार शाम हुए विस्फोट के मद्देनजर आयोजित दो सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करने के बाद दिये। केंद्रीय गृहमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ” वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली कार विस्फोट पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्हें इस घटना के पीछे के प्रत्येक अपराधी को पकड़ने का निर्देश दिया।

इस कृत्य में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को हमारी एजेंसियों के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।” सूत्रों ने बताया कि पहली बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के महानिदेशक सदानंद वसंत दाते शामिल हुए। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात भी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान शीर्ष अधिकारियों ने विस्फोट के बाद की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं। सूत्रों ने बताया कि दोपहर की सुरक्षा समीक्षा बैठक में भी लगभग यही अधिकारी शामिल हुए।

गृह मंत्रालय ने विस्फोट की जांच एनआईए को भी सौंप दी है। यह स्पष्ट संकेत है कि इस विस्फोट को सरकार ने आतंकवादी कृत्य माना है, क्योंकि एनआईए को केवल आतंकवादी मामलों की जांच करने का अधिकार है। इस धमाके में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। गृह मंत्री ने कहा है कि शीर्ष जांच एजेंसियां विस्फोट की जांच कर रही हैं और वे घटना की तह तक जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति से चल रही एक कार में धमाका हुआ था। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 अन्य घायल हो गए। धमाके की चपेट में आने कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

दिल्ली विस्फोट के साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली विस्फोट के साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना की जांच कर रही एजेंसियां मामले की तह तक जाएंगी और इसके लिए जिम्मेदार सभी लोगों को न्याय के शिकंजे में लाया जाएगा। मोदी ने भूटान के पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के मौके पर चांगलीमेथांग स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दिल्ली की घटना के मद्देनजर वह भारी मन से थिंपू आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सोमवार को पूरी रात विस्फोट की जांच कर रही एजेंसियों के संपर्क में रहे। दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम एक कार में हुए विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

मोदी ने कहा, “भारत और भूटान के बीच सदियों से गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। इसलिए, इस खास मौके का हिस्सा बनना भारत और मेरी प्रतिबद्धता थी।” उन्होंने कहा, “लेकिन आज मैं भारी मन से यहां आया हूं। कल शाम दिल्ली में हुई भयावह घटना ने सभी को बहुत दुखी किया है। मैं प्रभावित परिवारों का दुख समझता हूं। आज पूरा देश उनके साथ खड़ा है।” मोदी ने कहा, “हमारी एजेंसियां इस साजिश की तह तक जाएंगी। इसके पीछे के साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा। सभी जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।” भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने चांगलीमेथांग स्टेडियम में हजारों भूटानी नागरिकों की मौजूदगी में दिल्ली विस्फोट के पीड़ितों के लिए प्रार्थना की।

भारतीय अधिकारियों ने बताया कि भूटानी नेतृत्व ने दिल्ली विस्फोट में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और सभी प्रभावित परिवारों के लिए विशेष प्रार्थना की। दिल्ली में जांचकर्ता इस विस्फोट की संभावित आतंकवादी हमले के रूप में जांच रहे हैं। उन्होंने कश्मीर के डॉक्टर उमर नबी पर संदेह जताया है, जो कथित तौर पर उस कार को चला रहा था, जिसका इस्तेमाल लाल किले के पास विस्फोट के लिए किया गया। माना जा रहा है कि डॉ. नबी विस्फोट में मारा गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विस्फोट में उसकी भूमिका का पता लगाने के लिए उसकी मां के डीएनए का नमूना एकत्र किया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात बताया था कि विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई। हालांकि, उसने मंगलवार को बताया कि तीन और लोगों के दम तोड़ने से मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। थिंपू में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में मोदी ने भूटान के पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक और जनता को भारत की जनता की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने वांगचुक के परिवर्तनकारी कार्यकाल पर प्रकाश डाला, जिसके तहत भूटान एक “आधुनिक राष्ट्र-राज्य” और एक संवैधानिक लोकतांत्रिक राजतंत्र के रूप में उभरा। मोदी ने कहा कि भूटान ने अपने चौथे नरेश वांगचुक के नेतृत्व में सकल राष्ट्रीय सुख सूचकांक की अनूठी अवधारणा पेश की, जिसमें आर्थिक विकास, स्थिरता और खुशहाली को एक साथ जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि भूटान के चौथे नरेश ज्ञान, सादगी, साहस और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा का संगम थे, जिन्होंने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित करने में निर्णायक भूमिका निभाई थी।

फांसीघर मामले में विधानसभा के समन के खिलाफ केजरीवाल और सिसोदिया की याचिका विचारणीय नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि फांसीघर मामले में दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा जारी समन के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया, की याचिका प्रथम दृष्टया ‘विचारणीय नहीं’ है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने यह मौखिक टिप्पणी उस वक्त की जब उनके समक्ष याचिका सुनवाई के लिए आई और विधानसभा कार्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के अनुरोध पर इसे आगे की कार्यवाही के लिए बुधवार को सूचीबद्ध कर दिया गया, क्योंकि वह (वकील) किसी अन्य अदालत में व्यस्त थे। दिल्ली विधानसभा ने आप के वरिष्ठ नेताओं अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, रामनिवास गोयल और राखी बिड़ला को तलब किया है और उन्हें पिछली आप सरकार के फांसीघर संबंधी दावों की जांच कर रही समिति के समक्ष 13 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।

केजरीवाल और सिसोदिया ने समन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि नोटिस से पता चलता है कि कार्यवाही किसी शिकायत या रिपोर्ट पर आधारित नहीं है और न ही इसमें विशेषाधिकार हनन या अवमानना का कोई प्रस्ताव है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, विधानसभा कार्यालय, विशेषाधिकार समिति और उपसचिव (विधान) के वकीलों ने प्रारंभिक आपत्ति उठाते हुए कहा कि याचिका विचारणीय नहीं है। उन्होंने अदालत से बुधवार को मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया। आप नेताओं के वकील ने अनुरोध किया कि स्थगन आवेदन में नोटिस जारी किया जाए, क्योंकि उनके द्वारा चुनौती दी गई नोटिस, अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

विधानसभा परिसर के अंदर 22 अगस्त, 2022 को ‘फांसी घर’ का उद्घाटन केजरीवाल और सिसोदिया की उपस्थिति में किया गया था, जब वे दिल्ली के क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री थे। केजरीवाल समारोह के मुख्य अतिथि थे और विधानसभा की तत्कालीन उपाध्यक्ष राखी बिड़ला सम्मानित अतिथि थीं, जबकि विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष गोयल ने समारोह की अध्यक्षता की थी। समन को चुनौती देने वाली याचिका में कहा गया है कि ‘फांसी घर’ के उद्घाटन के तीन साल से अधिक समय बाद और सातवीं विधानसभा के भंग होने के कई महीनों बाद, पांच अगस्त को दिल्ली की आठवीं विधानसभा में पहली बार इस ढांचे की प्रामाणिकता से संबंधित मुद्दा उठाया गया था। ‘फांसी घर’ स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए बलिदान से संबंधित एक प्रतीकात्मक स्मारक के रूप में स्थापित किया गया था। याचिका में कहा गया है कि विधायिका को यह अधिकार तो है कि वह किसी विषय पर जानकारी एकत्र करने या जन-निगरानी के लिए जांच समितियां बना सकती है, ताकि कानून बनाने में मदद मिल सके, लेकिन दिल्ली विधानसभा परिसर में जो “इमारतों की डिज़ाइन और मरम्मत” से जुड़ा मामला है, वह न तो कानून बनाने की प्रक्रिया से जुड़ा है और न ही जन-निगरानी के उद्देश्य से। इसमें कहा गया है कि विशेषाधिकार समिति को उन ऐतिहासिक तथ्यों की प्रामाणिकता की जांच करने का अधिकार नहीं है, जिन्हें पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उपाध्यक्ष ने ध्यान में रखा था।

इसके साथ ही, उद्घाटन समारोह में शामिल हुए गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करने का भी उसे अधिकार नहीं है। अगस्त में मानसून सत्र के दौरान, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि जिस तथाकथित ब्रिटिशकालीन फांसी घर का उद्घाटन केजरीवाल ने 2022 में नवीनीकरण के बाद विधानसभा परिसर में बड़े धूमधाम से किया था वह मूल रूप से एक ‘टिफिन रूम’ था। विधानसभा परिसर का 1912 का नक्शा दिखाते हुए गुप्ता ने कहा था कि ऐसा कोई दस्तावेज़ या सबूत नहीं है, जो दर्शाता हो कि उस जगह का इस्तेमाल फांसी देने के लिए किया गया था। उन्होंने मामले को समिति के पास भेज दिया था।

दिल्ली में लाल किले के पास खड़ी कार में विस्फोट, आठ की मौत, कई लोगों के घायल होने की आशंका

राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के पास खड़ी एक कार में सोमवार शाम जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिससे आसपास मौजूद कई वाहनों में आग लग गई और कई की खिड़कियों के शीशे टूट गए। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट में आठ की मौत हो गयी और कई लोगों के घायल होने की आशंका है। विस्फोट के बाद दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है। दिल्ली अग्निशमन सेवा के मुताबिक, दमकल की सात गाड़ियां मौके पर भेजी गई हैं और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कई मीटर दूर खड़े वाहनों की खिड़कियां टूट गईं और भीड़भाड़ वाले इलाके के आसपास की इमारतों में भी इसकी आवाज सुनी गई।

दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “विस्फोट लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-एक के पास खड़ी एक कार में हुआ। इसकी तीव्रता काफी अधिक थी। इसमें कई लोगों के घायल होने की आशंका है। एक अधिकारी ने धमाके में 8 लोगों की मौत की जानकारी दी है। विस्फोट के दृश्यों में जलती हुई कारों से आग की लपटें और धुआं उठता दिखाई दिया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, मैं गुरुद्वारे में था, जब मैंने एक तेज आवाज सुनी। आवाज इतनी तेज थी कि हम समझ ही नहीं पाए कि यह किस चीज की थी। उसने बताया, विस्फोट के कारण आसपास खड़े कई वाहनों के परखच्चे उड़ गए।

गरवंश वेरी को बेस्ट बल्लेबाज का अवार्ड

प्रथम लेखराम अंडर 14 क्रिकेट टूर्नामेंट का दूसरा मुकाबला नोएडा वंडर्स और बालाजी जूनियर क्रिकेट क्लब के बीच खेला गया। जिसमें नोएडा वंडर्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। बालाजी जूनियर पहले बल्लेबाजी करते हुए 29.3 ओवरों में मात्र 80 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। नोएडा वंडर्स की ओर से गेंदबाज विहान अधना पांच ओवर में दो मैडऩ डालकर 15 रन देकर दो विकेट हासिल किए। कनव सोनी और दश भारद्वाज को भी दो सफलता प्राप्त की। लक्ष्य का पीछा करते हुए नोएडा वंडर्स ने मात्र 10.4 ओवर में 9 विकेट से यह मुकाबला अपने नाम किया। बेस्ट बल्लेबाज का अवार्ड गरवंश वेरी को दिया गया, जिन्होंने 40 बालों का सामना करके नॉट आउट 53 रन बनाए। फाइटर ऑफ़ द मैच विहान नेगी को दिया गया, जिन्होंने एक विकेट हासिल किया। बेस्ट बॉलर का अवार्ड दर्श भारद्वाज और मैन ऑफ द मैच का अवार्ड विहान अधना को अंपायर लोचन सिंह द्वारा दिया गया।

एमसीडी नामांकन: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा ने रोड शो में हिस्सा लिया, कहा पहले की सरकारों में विकास पिछड़ गया

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) उपचुनाव में शालीमार बाग बी वार्ड से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार अनीता जैन के नामांकन से पहले एक रोड शो में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि 30 नवंबर को जिन 12 वार्ड में उपचुनाव होने हैं वहां भाजपा उम्मीदवारों की जीत आवश्यक है। रेखा गुप्ता विधायक चुने जाने से पहले शालीमार बाग बी वार्ड का प्रतिनिधित्व करती थीं। वह इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकारें राजनीति में लिप्त रहीं जिसके कारण नगर निगम के वार्डों का विकास पिछड़ गया। उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि दिल्ली का हर वार्ड साफ-सुथरा हो। हम जनता के आशीर्वाद और स्नेह के साथ-साथ जनसेवा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सभी 12 वार्ड में चुनाव लड़ेंगे।” भाजपा एमसीडी के सभी 12 वार्ड पर चुनाव लड़ रही है और उसने आठ महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 30 नवंबर को जिन वार्ड में उपचुनाव होने हैं उनमें से नौ पर पहले पार्टी का कब्जा था। अन्य भाजपा उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल करने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रैली निकाली, जिनमें सांसद, विधायक और दिल्ली सरकार के मंत्री शामिल हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 10 नवंबर है। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने भी सभी 12 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना तय, तत्काल पांच साल की गारंटी लागू होगी : कांग्रेस

कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से एक दिन पहले सोमवार को दावा किया कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनना तय है और सत्ता में आते ही यह गठबंधन अपने चुनावी वादों पर अमल शुरू कर देगा। बिहार में मंगलवार को 122 विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण का मतदान होना है। बीते 6 नवंबर को 121 सीटों पर पहले चरण के तहत मतदान संपन्न हुआ था। मतगणना 14 नवंबर को होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “महागठबंधन सरकार बिहार को 20 वर्षों की लाचार व्यवस्था से मुक्ति दिलाएगी। अब पलायन रुकेगा, युवाओं के भविष्य से अंधेरा छटेगा, हर-घर नौकरी से उनका कल संवरेगा!

उन्होंने कहा, ”अब अन्याय का करेंगे अंत, सामाजिक न्याय से बदलेंगे बिहार। दलित, महादलित, आदिवासी, पिछड़े, अति-पिछड़े, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों व अल्पसंख्यकों को मिलेंगे उनके अधिकार।” खरगे का यह भी कहना था, “महिला, किसान, युवा समेत समाज के हर वर्ग का होगा आर्थिक उत्थान, राज्य की तस्वीर बदलने के लिए, बिहार की जनता कर चुकी है प्रस्थान।” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महागठबंधन के कई चुनावी वादों का उल्लेख करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “इस बार बिहार में महागठबंधन की सरकार तय है। इसके सत्ता में आते ही बिहार के लिए महागठबंधन की पांच साल की गारंटी लागू होगी।” उन्होंने कहा, “बिहार में युवाओं को हर घर नौकरी: हर परिवार को एक सरकारी नौकरी मिलेगी, महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की सहायता, 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त, 500 रुपये में गैस सिलेंडर, महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा।