दिल्ली नगर निगम चुनाव टालने के पीछे केन्द्र सरकार की एक बड़ी योजना है। केन्द्र सरकार ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि चुनाव टलने के बाद आप ने भाजपा को घेरा था। आप ने भाजपा को जान बूझकर चुनाव टलवाने का आरोप भी लगवाया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली में चुनाव टाले जाने को लेकर भाजपा पर लगाए आरोपों को प्रदेश भाजपा ने निराधार बताया था।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा की नगर निगम की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए केन्द्र सरकार ने निगमों को एक करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी नेता संवैधानिक व्यवस्थाओं में कोई आस्था नही रखते। साथ ही यदि कोई अधिकारी या राजनीतिक विरोधी इनकी बात नही मानता तो आम आदमी पार्टी नेता उसे भ्रष्ट कहने में देर नही लगाते।
कपूर ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी को लगता है कि चुनाव आयुक्त भ्रष्ट हैं तो वे बताएं कि दिल्ली सरकार ने उन्हें नियुक्त क्यों किया? उन्होंने कहा कि गत 7 साल के अनुभवों ने दिखाया है की किस तरह राजनीतिक द्वेष से दिल्ली सरकार ने नगर निगमों फंड काटे उनकी प्रशासकीय व्यवस्था को कमजोर किया। दुर्गेश पाठक एवं अन्य नेता जान लें कोई निगम चुनाव से नही भाग रहा। केन्द्र सरकार निगमों का एकीकरण कर ऐसी व्यवस्था करना चाहता है जहां कभी भी दिल्ली सरकार नगर निगमों के फंड ना रोक सके, उनको कमजोर ना कर सके। साथ ही वह नगर निगमों की राज्य सरकार निर्भरता को भी घटाना चाहती है।