केजरीवाल की चुप्पी महिला सुरक्षा पर उनके रुख को बताती है, मालीवाल मामले पर बोले उपराज्यपाल

0
25

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य के साथ कथित मारपीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की “गहरी चुप्पी महिलाओं की सुरक्षा पर उनके रुख के बारे में बहुत कुछ बोलती है” और कहा कि मुख्यमंत्री को इस घटना पर ” टाल-मटोल ” और ” पैंतरेबाजी” नहीं करनी चाहिए। ‘आप’ ने पलटवार करते हुए कहा कि उपराज्यपाल का पत्र साबित करता है कि “मालीवाल भाजपा के इशारे पर काम कर रही हैं।” राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर उनके साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने शनिवार को केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

राज निवास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान जारी किया है, जिसमें सक्सेना ने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है और इसे ”तार्किक निष्कर्ष” पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने इस मामले पर आम आदमी पार्टी द्वारा उसके रुख को बदल लिये जाने को भी ‘चौकाने वाला’ बताया। उपराज्यपाल ने कहा, “ आम आदमी पार्टी की सांसद सुश्री स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री के आवास पर कथित मारपीट के मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों से मीडिया में चल रही खबरों से मैं बहुत व्यथित हूं।” सक्सेना ने कहा, “कल, उन्होंने बेहद पीड़ा से मुझे फोन किया और अपने दर्दनाक अनुभव और उसके बाद अपने ही सहयोगियों द्वारा उन्हें धमकाने और शर्मसार करने के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सबूतों से कथित छेड़छाड़ और उनपर दबाव डालने पर भी चिंता व्यक्त की।

केजरीवाल पर सेक्सना ने कहा, “ कम से कम शिष्टता के खातिर ही मेरे मुख्यमंत्री टाल-मटोल और पैंतरेबाजी करने के बजाय सफाई देते। उनकी गहरी चुप्पी महिलाओं की सुरक्षा पर उनके रुख के बारे में बहुत कुछ बताती है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और पूरी दुनिया के राजनयिक यहां रहते हैं तथा “ऐसी शर्मनाक घटनाएं और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार की असंवेदनहीन, षडयंत्रकारी तिरस्कारपूर्ण प्रतिक्रिया पूरी दुनिया में भारत की छवि को धूमिल करती है।” उपराज्यपाल ने बयान में कहा, “अगर ऐसी घटना देश के किसी अन्य मुख्यमंत्री के आवास में हुई होती, तो भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण निहित स्वार्थ वाली बाहरी ताकतों ने भारत में महिला सुरक्षा को लेकर जबर्दस्त वैश्विक विमर्श छेड़ दिया होता। इस मामले में इस तरह का कोई आक्रोश न होना कई सवाल खड़े करता है जिनके जवाब नहीं है।

सक्सेना ने मालीवाल का समर्थन करते हुए कहा, “वह मेरे और मेरे कार्यालय के प्रति मुखर, शत्रुतापूर्ण और स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण रही हैं और अक्सर अनुचित रूप से मेरी आलोचना करती रही हैं।” सक्सेना ने कहा कि यह “सबसे ज्यादा परेशान करने वाली” बात है कि कथित अपराध स्थल मुख्यमंत्री का ड्राइंग रूम है जबकि वह कथित तौर पर घर में मौजूद थे, और यह उनके “निकटतम सहयोगी” द्वारा एक अकेली महिला के साथ किया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी के अन्य राज्यसभा सदस्य (संजय सिंह) ने मीडिया के सामने मालीवाल के आरोपों की पुष्टि की और आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उपराज्यपाल ने कहा, “ बाद में मामले में रुख बदल लिया गया, जाहिर तौर पर उच्चतम पदाधिकारी के कहने पर। यह भी अकल्पनीय और चौंकाने वाला है।

‘आप’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने 14 मई को कहा था कि मालीवाल के साथ हुई घटना “अत्यधिक निंदनीय” है और दावा किया था कि विभव कुमार ने उनके साथ “दुर्व्यवहार” किया था। कुछ दिनों बाद आतिशी ने एक प्रेस वार्ता में इस मामले को केजरीवाल को फंसाने की “भाजपा की साजिश” करार दिया और मालीवाल को इसका “चेहरा” बताया। उपराज्यपाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ ने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले हर दिन एक नई साजिश रच रही है। पार्टी ने आरोप लगाया, “कभी वे आबकारी नीति का मामला उछालते हैं, कभी स्वाति मालीवाल प्रकरण को उठाते हैं, तो कभी पार्टी को विदेशी कोष मिलने का आरोप लगाते हैं। चुनाव तक भाजपा हमारे खिलाफ नये हथकंडे अपनाएगी।” ‘आप’ ने कहा, ‘भाजपा बुरी तरह से चुनाव हार रही है और वे मालीवाल मुद्दे का इस्तेमाल कर अपना स्थिति बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here