दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन, भ्रष्टाचार के मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की

1
44

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन, भ्रष्टाचार के मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कीनिदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने शाम 6:28 बजे आदेश सुनाना शुरू किया जिसमें 22 मिनट लगे। उन्होंने कहा कि सिसोदिया कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सहित महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे।

उच्च न्यायालय ने कहा कि सिसोदिया दिल्ली सरकार के सत्ता गलियारे में एक बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इसने कहा कि जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि प्रथम दृष्टया सिसोदिया ने अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सार्वजनिक प्रतिक्रिया गढ़कर आबकारी नीति बनाने की प्रक्रिया में गड़बडी की। उच्च न्यायालय ने 14 मई को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता, सीबीआई और ईडी की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सिसोदिया ने अधीनस्थ अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। अधीनस्थ अदालत ने अब समाप्त की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में क्रमशः सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज किए गए भ्रष्टाचार तथा धनशोधन मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस बीच, विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने मंगलवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल नौ मार्च को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था। इससे पहले कथित शराब घोटाले में सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here