नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को सेवा विस्तार देने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से शुक्रवार को कहा कि वह इस कदम के पीछे के अपने ‘गोपनीय एजेंडे’ का राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों के समक्ष खुलासा करे। इस मामले पर भाजपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। केंद्र ने 30 नवंबर को सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले कुमार का कार्यकाल छह महीने बढ़ा दिया था। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में तीन बार सरकार बनाने में विफल रहने और फिर पिछले साल नगर निगम चुनाव हारने के बाद भाजपा ‘आप’ सरकार को ‘अस्थिर’ करने के लिए तरह-तरह की तरकीब अपना रही है। उन्होंने कहा, ”जब भाजपा समझ गई कि वह दिल्ली की सत्ता में नहीं आ सकती तो उसने दिल्ली सरकार को अस्थिर करने के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिये- कभी उपराज्यपाल के जरिए तो कभी विशेष अधिकारियों के जरिए। मुख्य सचिव को हाल ही में सेवा विस्तार मिला है। हर दिल्लीवासी इस विवादास्पद विस्तार के बारे में सवाल पूछ रहा है।
चड्ढा ने दावा किया कि कुमार को विस्तार देने के लिए एजीएमयूटी कैडर के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को ‘दरकिनार’ कर दिया गया, जो कि दुर्लभतम मामला है। आप नेता ने आरोप लगाया, यह आपातकालीन स्थितियों और दुर्लभतम मामलों में होता है। भाजपा ने ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया है जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है। कथित भ्रष्टाचार दक्षिण पश्चिम दिल्ली के बामनोली गांव में 19 एकड़ भूमि के अधिग्रहण से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को केवल एक ही अधिकारी में दिलचस्पी क्यों है? क्या भाजपा किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी को दिल्ली के मुख्य सचिव के पद के लिए सक्षम नहीं मानती है? क्या केवल एक अधिकारी उसके निर्देशों के अनुसार काम कर सकता है? ऐसा क्या खास है जो केवल यही अधिकारी कर सकता है? वर्ष 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी कुमार ने अप्रैल 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। कई मुद्दों पर उनका आप सरकार के साथ टकराव रहा है।