केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला: अक्टूबर से फरवरी तक दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर रहेगी रोक

5
1557

दिल्ली सरकार ने वाहन से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयास के तहत अक्टूबर से फरवरी तक राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम एवं भारी मालवाहक गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि सब्जियां, फल, अनाज, दूध एवं ऐसी अन्य जरूरी चीजें ढोने वाले वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में आने-जाने की अनुमति होगी। एक अधिकारी के अनुसार, ऐसे वाहनों के प्रवेश पर एक अक्टूबर, 2022 से 28 फरवरी, 2023 तक पाबंदी रहेगी क्योंकि वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण से सर्दियों के महीनों में वायु गुणवत्ता बहुत बिगड़ जाती है। इस निर्णय की ट्रांसपोर्टरों एवं व्यापारियों ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इससे घाटा होगा। उन्होंने सरकार से प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए वैकल्पिक उपायों के बारे में सोचने की अपील की।

अधिकारियों ने कहा कि सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक ट्रकों के साथ ही ऐसे डीजल वाहनों को आवाजाही की इजाजत रहेगी जोकि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी वाहनों पर भी कोई रोक नहीं होगी और यह आदेश केवल वाणिज्यक वाहनों पर लागू होगा। हालांकि आलोचकों का कहना है कि सीएनजी ट्रक की संख्या काफी कम है और वे भी छोटे आकार के हैं तथा लंबी दूरी तय करने वाले बड़े एवं मझौले वाहन सीएनजी नहीं पसंद करते क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध नहीं होती है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, दिल्ली सरकार का यह फैसला दिल्ली के व्यापार को ऐसे समय चौपट कर देगा जब दिल्ली में त्योहार एवं शादी का सीजन अपने शीर्ष पर होगा। दिल्ली के व्यापारी दिल्ली सरकार के इस कठोर आदेश का जबर्दस्त विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि कन्फेडरेशन केंद्र सरकार से दखल की मांग करेगा और दिल्ली सरकार के विरूद्ध आंदोलन भी छेड़ेगा। उन्होंने कहा, कैट भावी रणनीति तय करने के लिए अगले सप्ताह अपने व्यापारिक नेताओं की एक बैठक बुला रहा है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भीम वाधवा ने दावा किया कि नौकरशाह आम जनता या पक्षधारकों के बारे में बिना कुछ सोचे नीतियां बना लेते हैं। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने वाधवा से सहमति जताते हुए कहा कि खुदरा बिक्री केंद्र के रूप में दिल्ली की छवि इस पाबंदी से बुरी तरह प्रभावित होगी। उन्होंने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से इस निर्णय पर पुनर्विचार की अपील की। पंद्रह जून को दिल्ली सरकार ने हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश समेत पड़ोसी राज्यों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद के लिए उनसे केवल बीएस-6 मानक वाली बसों को ही एक अक्टूबर से आने देने की अपील की थी।

अधिकारियों ने कहा कि यह अनुरोध शहर में वाहन से होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए किया गया था क्योंकि यहां प्रदूषण में हरियाणा से आने वाली गाड़ियों का भी योगदान होता है। राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर के बाद से सर्दियों के महीनों में प्रदूषण का उच्च स्तर नजर आता है जिसके लिए पराली जलाने एवं वाहन से होने वाले उत्सर्जन समेत कई कारक जिम्मेदार हैं।

5 COMMENTS

  1. When I initially left a comment I appear to have clicked on the -Notify me when new comments are added- checkbox and now whenever a comment is added I recieve 4 emails with the same comment. There has to be a way you are able to remove me from that service? Many thanks.

  2. You’re so interesting! I don’t suppose I’ve truly read through something like that before. So nice to find someone with a few genuine thoughts on this subject. Really.. thank you for starting this up. This site is something that is needed on the web, someone with a little originality.

  3. Having read this I believed it was rather enlightening. I appreciate you spending some time and energy to put this short article together. I once again find myself personally spending a lot of time both reading and commenting. But so what, it was still worth it!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here