नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) के तीसरे समन पर भी उसके सामने उपस्थित नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का देश की प्रशासनिक और न्यायिक प्रणाली पर विश्वास नहीं होने का आरोप लगाया। केजरीवाल बुधवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा जारी समन पर तीसरी बार पेश नहीं हुए। आप ने आरोप लगाया कि बार-बार नोटिस भेजना उन्हें गिरफ्तार करने और लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने की साजिश का हिस्सा था। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल की तरह मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी ईडी के नोटिस को गलत बताते थे लेकिन उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना पड़ा ओर आज प्रयासों के बावजूद जमानत मिलना तो दूर उन्हें हर अदालत में फटकार मिल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, जिस तरह से केजरीवाल ईडी के समन से बच रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि उन्हें देश की प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं है और उसके बाद सवाल उठता है कि क्या उनके पास मुख्यमंत्री बने रहने का कोई नैतिक आधार बचा है। भाजपा नेता ने दावा किया कि अगर केजरीवाल को ईडी का नोटिस गलत लगता है तो उन्हें अदालत जाना चाहिए लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे। सचदेवा ने कहा, वह जानते हैं कि यह स्पष्ट तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है और अदालतों से राहत पाना लगभग असंभव है।
भाजपा नेता ने कहा कि केजरीवाल को यह बताना चाहिए कि जिस मामले के आधार पर सिसोदिया और सिंह जेल में हैं, उसी मामले में उन्हें दिया गया नोटिस कानूनी तौर पर गलत कैसे हो सकता है। केजरीवाल को इससे पहले ईडी ने दो नवंबर और 21 दिसंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन वह ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। बुधवार को उन्होंने लिखित जवाब भेजकर नोटिस को अवैध बताया। आप ने कहा कि केजरीवाल जांच एजेंसी के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन दावा किया कि समन उन्हें गिरफ्तार करने के इरादे से भेजा गया है।
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