देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच दिल्ली नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई। हालांकि अभी एमसीडी के चुनाव होने में काफी समय है, लेकिन सियासी दलों ने जीत की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस, भाजपा और आप नेताओं ने इसको लेकर जनसंपर्क अभियान भी तेज कर दिया है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पिछड़ी कांग्रेस अब एमसीडी पर काबिज होने को लेकर पूरी जोर आजमाइश में जुटी है तो वहीं दिल्ली में सरकार बनाने के बाद आप दिल्ली नगर निगम में सेंध लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। सभी दलों ने एमसीडी चुनाव को लेकर अभी से कमर कस ली है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इस बार कांग्रेस सत्तासीन आम आदमी पार्टी और भाजपा से खुद को पीछे नहीं रखना चाहती है। दिल्ली नगर निगम में दांव आजमाने को लेकर टिकट बंटवारे को लेकर भी हलचल तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो दिल्ली नगर निगम चुनाव-2022 के लिए कांग्रेस की टिकट के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करने वालों की संख्या 1000 पहुंच गई है। इस बाबत दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने जारी बयान में कहा कि यह बहुत ही उत्साह जनक संख्या है।
अनिल कुमार ने बताया कि पहले आवेदन की तारी़ख 15 फ़रवरी रखी गई थी, मगर कार्यकर्ताओं की भारी मांग के चलते 18 फ़रवरी किया गया था। उन्होंने ने कहा के अंतिम तारी़ख के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता फ़ार्म जमा करवाने के लिए प्रदेश कार्यालय में आ रहे हैं जिसका फ़ैसला हाई कमांड से बात करके लिया जाएगा कि फ़ार्म लेने की तारी़ख को कितने और दिनों के लिए बढ़ाया जाए ।
उन्होंने कहा की कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आवेदन जमा करवाने के उत्साह से संकेत साफ़ है कि कांग्रेस निगम चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी। क्योंकि भाजपा और आप दोनों की असलियत जनता को पता लग चुकी है। चौधरी ने कहा कि दूसरी पार्टियों के नेता भी भारी संख्या में कांग्रेस में सम्मिलित होना चाहते हैं जिसका फ़ैसला भी बाद में लिया जाएगा।
गौरतलब है कि तीनों नगर निगमों (दक्षिण दिल्ली नगर निग, उत्तर दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम) के गठन के बाद कांग्रेस सत्ता से बाहर है। भाजपा ही लगातार जीत पर निगम की सत्ता में काबिज है।