दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने में कोई हिंदू-मुस्लिम पहलू नहीं: केजरीवाल

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आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पटाखों पर प्रतिबंध के सरकार के फैसले का बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए यह जरूरी है और इसमें कोई ‘हिंदू-मुस्लिम’ पहलू नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि दिवाली रोशनी का त्योहार है और इसे प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे फोड़ने के बजाय दीये और मोमबत्तियां जलाकर मनाया जाना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “ऐसा नहीं है कि हम दूसरों पर कोई एहसान कर रहे हैं। हम खुद पर एहसान कर रहे हैं क्योंकि आखिरकार हम और हमारे छोटे बच्चे (पटाखे फोड़ने से) होने वाले प्रदूषण के शिकार होंगे।” दिल्ली सरकार ने इस महीने की शुरुआत में एक जनवरी 2025 तक शहर में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उन्हें फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की थी।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत यह निर्देश जारी किया था और इसमें ऑनलाइन बिक्री और आपूर्ति पर प्रतिबंध भी शामिल हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा की गयी आलोचना को खारिज कर दिया। भाजपा और आरएसएस ने ‘आप’ सरकार पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के फैसला करके हिंदू त्योहार को निशाना बनाने का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा, “इसमें हिंदू-मुस्लिम जैसा कुछ भी नहीं है। हर किसी की सांस और जीवन जरूरी है।” उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय भी कह चुके हैं कि लोगों को प्रदूषण के मद्देनजर पटाखे फोड़ने से बचना चाहिए और इसके बजाय दीये जलाने चाहिए क्योंकि दिवाली रोशनी का त्योहार है।