दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराये जाने की अपनी सिफारिश के बाद उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्य सचिव को इस नीति को कथित तौर पर ”अवैध” तरीके से बनाने, संशोधन और कार्यान्वयन में अधिकारियों और नौकरशाहों की भूमिका पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने कहा है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी, जिनकी निगरानी में उल्लंघन और चूक हुई है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का यह कर्तव्य था कि वे अपनी निगरानी में होने वाली अनियमितताओं के बारे में मुख्य सचिव या सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में लाएं।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रभारी मंत्री हैं। सक्सेना पहले ही केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर चुके हैं। उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर की थी। एक सूत्र ने कहा, ”दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, संशोधन और कार्यान्वयन में घोर उल्लंघनों और जानबूझकर की गई चूक को गंभीरता से लेते हुए, उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से पूरे मामले में अधिकारियों और नौकरशाहों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने अधिकारियों की गतिविधियों, फाइल की जांच और उनके द्वारा निभाई गई भूमिका पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी सौंपी गई है। केजरीवाल ने सिसोदिया का बचाव किया और दावा किया कि उन्हें ”फर्जी” मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है।
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