भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) से मुगल शासकों के नाम वाली आधा दर्जन सड़कों के नामों को बदलकर उनका नाम महर्षि वाल्मीकि, महाराणा प्रताप, जनरल बिपिन रावत एवं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नामों पर रखने की मांग की। कुछ दिन पहले ही गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उन्हें हुंमायूपुर, युसूफ सराय, बेगमपुर, सैदुल अजाब, हौजखास समेत 40 गांवों के नामों को बदलकर उनका नाम देश के स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों, दिल्ली दंगा के पीड़ितों, प्रसिद्ध कलाकारों एवं खिलाड़ियों के नामों पर रखने का प्रस्ताव दिया था।
भाजपा की मांग की आलोचना करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नये संसद भवन का नाम भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की अपील की और कहा कि इससे देश के सांप्रदायिक सौहार्द्र के बारे में सकारात्मक संदेश जाएगा। एनडीएमसी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के कई साल बाद भी दिल्ली की कुछ सड़कों के नाम ‘गुलामी’ के प्रतीक बने हुए हैं। गुप्ता ने मांग की है कि तुगलक रोड का नाम बदलकर उसका नाम गुरू गोविंद सिंह के नाम पर तथा बाबर लेन का नाम बदलकर उसका नाम क्रांतिकारी खुदीराम बोस के नाम पर रखा जाए।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि औरंगजेब लेन का नाम बदलकर डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम लेन, हुंमायू रोड का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि मार्ग और शाहजहां रोड का नाम बदलकर जनरल बिपिन रावत मार्ग किया जाएं। गुप्ता ने कहा, यह हमारी मांग है कि गुलामी के प्रतीक तुगलक रोड का नाम बदलकर गुरू गोविंद सिंह मार्ग किया जाए जो इन महान हस्ती के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना होगा। उन्होंने यह भी मांग की कि अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप की 482 वीं जयंती पर महाराणा प्रताप मार्ग किया जाए क्योंकि उन्होंने मुगलों के विरूद्ध लड़ाई लड़ी और वह ‘हिंदुओं का गर्व’ समझे जाते हैं। प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा की मांग की आलोचना की और कहा कि भाजपा ‘बुलडोजर राजनीति’ को भुनाने में नाकाम रहने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में 40 ऐतिहासिक स्थानों एवं सड़कों का नाम बदलने के अपने कदम से सामाजिक अशांत पैदा करने का प्रयास कर रही है।