कांग्रेस राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही: अर्जुन मुंडा

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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को कहा कि कांग्रेस केंद्र पर नये वन संरक्षण नियमों के जरिये आदिवासियों के अधिकार छीनने की कोशिश किये जाने का आरोप लगा कर राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार से ध्यान भटकाने की ‘नाकाम कोशिश’ कर ही है। जनजातीय कार्य मंत्री की यह टिप्पणी कांग्रेस के यह आरोप लगाये जाने के कुछ घंटे बाद आई है कि नरेंद्र मोदी सरकार आदिवासी अधिकारों के संरक्षण की अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रही है और वन भूमि छीनने को आसान बनाने के लिए वन संरक्षण नियमों को कमजोर कर रही है।

पर्यावरण मंत्रालय ने 2003 में अधिसूचित नियमों की जगह नये नियम लाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम के तहत 28 जून को वन संरक्षण नियम,2022 अधिसूचित किया है। मुंडा ने ट्वीट किया, ”यह बहुत दुर्भाग्य का विषय है कि पिछले 75 वर्षों में कांग्रेस ने एक आदिवासी व्यक्ति को इस देश का संवैधानिक प्रमुख बनाने के बारे में कभी नहीं सोचा होगा और अब जब मौजूदा सरकार ने आदिवासी समुदाय की एक महिला को राजग की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है, तो कांग्रेस तुच्छ और बेबुनियाद आरोप लगा कर राष्ट्र को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय समुदाय का उत्थान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और कहीं से भी वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के प्रावधानों को कमजोर नहीं किया गया है। इससे पहले दिन में, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नये नियम एफआरए के प्रावधानों को कमजोर नहीं करते हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नीत सरकार पर ”वन भूमि को छीनने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए” वन संरक्षण नियमों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक न्यूज रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों और वनवासियों की सहमति के बिना जंगलों को काटने की मंजूरी दे रही है।

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