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Gokulpuri Fire: गोकुलपुरी की 30 झोपड़ियां जलकर हुई ख़ाक, हादसे में 7 लोगों ने गवाई जान

दिल्ली के गोकलपुरी थाना क्षेत्र के गोकलपुर गांव में कल देर रात आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई। आग लगने से 30 झोपड़ियां जलकर राख हो गईं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना पर दुख जताया है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने कहा कि गोकलपुरी थाना क्षेत्र में रात लगभग एक बजे आग लगने की सूचना मिली। तत्काल टीम को मौके पर बचाव उपकरणों के साथ भेजा गया। उन्होंने बताया कि हमने अग्निशमन विभाग से भी संपर्क किया, जिसने त्वरित कार्रवाई की। हम तड़के चार बजे तक आग बुझा सके तबतक सात लोगों की जलकर मौत हो चुकी थी। आग लगने से 30 झोपड़ियां जल गईं।

दिल्ली के सीएम ने ट्वीट किया, ‘सुबह सुबह ये दुःखद समाचार सुनने को मिला। मैं स्वयं वहां जाकर पीड़ित लोगों से मिलूंगा।’

दिल्ली फायर सर्विस ने बताया कि शुक्रवार देर रात लगभग एक बजे गोकलपुरी क्षेत्र के गोकलपुर गांव में झुग्गियों में आग लगने की सूचना मिली थी। मौके पर 13 गाड़ियां भेजी गईं।

Delhi MCD News: स्मृति ईरानी ने लगाए थे अरविंद केजरीवाल पर संगीन आरोप, मनीष सिसोदिया ने पलटवार कर कही ये बड़ी बात

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर लगाये गए आरोपों पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सीएम केजरीवाल पर आरोप लगाये हैं कि सात सालों में निगमों का करोड़ों रुपया रोककर रखा है।

इस पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव रुकवाने को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कुछ कारण दिए हैं, उनका कहना है कि दिल्ली सरकार नगर निगम को पैसा नहीं देती है इसलिए चुनाव रुकवा दिए। ये बात झूठ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नगर निगम को पूरा पैसा देती है। लेकिन नगर निगम में बीजेपी ने इतना भ्रष्टाचार फैला रखा है, जिसके कारण नगर निगम के पास पैसा नहीं है, ये आपको स्वीकार करना होगा।

MCD Election News: नगर निगम चुनाव में EVM का इस्तेमाल नहीं होने पर High Court ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

दिल्ली में नगर निगम के चुनाव काफी समय से चर्चा का विषय बने हुए है। पहले राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव की तरीखों की घोषणा नहीं की। उसके बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की और फिर शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम केजरीवाल ने मोदी जी के आगे हाथ भी जोड़ लिए. इसके बाद अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से सवाल किया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से पूछा है कि वीवीपैट वाली ईवीएम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता। इस मामले में जस्टिस रेखा पल्ली ने राज्य चुनाव आयोग के वकील से इस मुद्दे पर निर्देश लेने के लिए कहा है। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 मार्च की तारीख तय ​की गई है।

दरअसल आम आदमी पार्टी द्वारा विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक याचिका दर्ज की थी। इस याचिका में दिल्ली के राज्य चुनाव आयोग को ईवीएम के साथ आगामी एमसीडी चुनाव कराने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस दौरान लॉयर राहुल मेहरा और राकेश कुमार सिन्हा का कहना था कि वीवीपैट मशीनों के बिना ईवीएम मशीनों की सटीकता का पता लगाना और किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इनकार करना असंभव है।

Delhi News: पंजाब में मिली जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने किया बड़ा प्लान, जानें क्या है तैयारी

आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली शानदार जीत की गति बनाये रखने के लिए दक्षिणी राज्यों में व्यापक स्तर पर सदस्यता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। आप नेता सोमनाथ भारती ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप में सदस्यता अभियान शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने दक्षिणी राज्यों में चरणबद्ध तरीके से पदयात्रा करने का भी फैसला किया है। भारती ने कहा कि 14 अप्रैल को डॉ भीम राव आंबेडकर की जयंती पर तेलंगाना में पार्टी की पहली पदयात्रा के साथ यह कवायद शुरू हो जाएगी।

Delhi MCD Election: दिल्ली एमसीडी चुनाव टालने पर केजरीवाल ने आयोग पर खड़े किए सवाल, बोले-चुनाव टालना जनतंत्र के लिए ठीक नहीं

Delhi Nagar Nigam Chunav: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निगम चुनाव टालने के दिल्ली चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का आयोग को चिट्ठी लिखकर चुनाव टालने को कहना और आयोग का केंद्र के सामने झुक कर चुनाव टालना, दोनों ही जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है। सीएम केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अभी चुनाव होने वाले थे।

नौ मार्च को दिल्ली चुनाव आयोग ने सुबह-सुबह प्रेस को निमंत्रण भेजा कि आज शाम पाँच बजे चुनाव आयोग एमसीडी के चुनावों की तारीखों का एलान करेगा। किस तारीख को नामांकन होगा, किस तारीख तक नाम वापस लिए जा सकता हैं और चुनाव किस तारीख को होंगे आदि। शाम पांच बजे चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला था और उसके एक घंटा पहले शाम चार बजे केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक नगर निगम बनाने जा रहे हैं इसलिए आप यह चुनाव टाल दीजिए। इसके बाद शाम पांच बजे दिल्ली चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के कहे मुताबिक चुनाव को टाल दिया। शायद आजादी के बाद भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने सीधे किसी राज्य के चुनाव आयोग को दिल्ली लिख कर चुनाव टालने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि लोगों के मन में दो-तीन बातें चल रही हैं। सात-आठ साल से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। अगर इनको तीनों एमसीडी को एक करना था, तो पिछले सात साल में इन्होंने क्यों नहीं किया? चुनाव की तारीखों के एलान के एक घंटा पहले इनको अचानक याद आई कि तीनों एमसीडी को एक करना है, इसलिए चुनाव को टाल दिया जाए। लोग कह रहे हैं कि एमसीडी को एक करना तो केवल एक बहाना है। असली मकसद तो चुनाव टालना था, क्योंकि भाजपा को लग रहा था कि अगर दल्लिी नगर निगम के चुनाव होंगे, तो आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर है। उस लहर में भाजपा बह जाएगी और हार जाएगी, इसलिए चुनाव टालने की मंशा से यह किया गया है।

‘आप’ संयोजक ने आगे कहा कि यह भी लोग कह रहे हैं कि चुनाव का तीनों नगर निगमों को एक साथ करने से क्या लेना-देना है? आज तीन नगर निगम हैं और दिल्ली में कुल 272 वार्ड हैं। तीनों नगर निगमों के पार्षद अपने अलग-अलग नगर निगमों में बैठते हैं। चुनाव हो जाने दीजिए। अगर तीनों को एक भी कर देंगे, तो वो एक जगह बैठने लग जाएंगे। अभी चुनाव टालने की क्या जरूरत है? चुनाव कराओ। नए पार्षद आएंगे और जब तक तीनों नगर निगम हैं, तब तक वे तीनों में बैठ जाएंगे और जब एक नगर निगम हो जाएगा, तो वे एक साथ आकर बैठ जाएंगे। इसलिए चुनाव टालने की तो कोई जरूरत ही नहीं थी। लेकिन इनका मकसद तीनों नगर निगमों को एक करने का नहीं था। अगर करना होता, तो ये लोग सात साल में कर लेते। इनका मकसद केवल चुनाव टालने का था। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। दोनों ही चीजें अच्छी नहीं है।

उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा, सरकारें आती-जाती रहेंगी। कल आप भी नहीं होंगे और कल मैं भी नहीं होउंगा। हम महत्वपूर्ण नहीं हैं, लोग महत्वपूर्ण नहीं हैं, पार्टियां महत्वपूर्ण नहीं है। देश महत्वपूर्ण है। अगर हम चुनाव आयोग को दबाव डाल कर चुनाव रद्द कराते हैं, तो इससे चुनाव आयोग कमजोर होता है और चुनाव कैंसिल होते हैं, तो देश कमजोर होता है। हम सब को मिलकर देश की रक्षा करनी है। किसी भी हालत में हमें संस्थानों को कमजोर नहीं होने देना है। मेरी विनती है कि चुनाव कैंसिल न कराइए। अगर चुनाव कैंसिल होते हैं, यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

आज यह कहा जा रहा है कि हम तीनों एमसीडी एक करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए। मान लो कि कल को लोकसभा का चुनाव है और उससे पहले कहा जाएगा कि पार्टियामेंट्री सस्टिम अच्छा नहीं हैं, हम प्रेसिडेंशियल सिस्टम लाना चाहते हैं और संविधान में बदलाव करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए, तो क्या चुनाव टाले जाएंगे। मान लो कि कल को कोई राज्य विधानसभा का चुनाव है और यह कहा जाएगा कि हम दो राज्यों को एक करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए, तो क्या चुनाव टाल दिए जाएंगे। क्या जनतंत्र के अंदर ऐसे चुनाव टाले जा सकते हैं। यह बहुत बड़ा प्रश्न है।

Delhi News: दिल्ली में फिर वापस आ रहा है कोरोना? जानें 24 घंटे में मिले नए केसों को क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग

दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 174 नये मामले सामने आए और लगातार दूसरे दिन महामारी से किसी मरीज की मौत नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन में यह जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार संक्रमण की दर 0.45 प्रतिशत दर्ज की गई है। दिल्ली में अब तक कोविड-19 के कारण 26,140 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी में अभी उपचाराधीन मरीजों की संख्या 860 है। इससे पहले, दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 212 नए मामले सामने आए थे जबकि संक्रमण की दर 0.56 प्रतिशत थी। इसके बाद से प्रतिदिन के नये मामले कम होने लगे। दिल्ली में 14 जनवरी को संक्रमण दर 30.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जो महामारी की मौजूदा लहर के दौरान सर्वाधिक थी। बीते 24 घंटे के दौरान 38,795 नमूनों की कोविड-19 जांच की गई।

Assembly Result: पांच प्रदेशों में चुनावों में दो मौजूदा और पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा तीन उपमुख्यमंत्री भी हारे

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बृहस्पतिवार को घोषित हुए नतीजे कई राजनीतिक दिग्गजों के लिए निराशा लेकर आए। इस चुनाव में दो मौजूदा और पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपनी-अपनी सीट से हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत तीन मौजूदा उपमुख्यमंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उत्तराखंड के उनके समकक्ष पुष्कर सिंह धामी भी अपनी-अपनी सीट से चुनाव हार गए हैं। यही हाल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश सिंह रावत और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल एवं अमरिंदर सिंह का भी हुआ है और वे भी अपनी-अपनी सीट से पराजित हुए हैं। धामी भले ही चुनावी लड़ाई हार गए हों, लेकिन उनकी पार्टी उत्तराखंड में विजयी हुई है। पंजाब में तीन पूर्व मुख्यमंत्री बादल, अमरिंदर सिंह और राजिंदर कौर भट्टल अपनी-अपनी सीट से चुनाव हार गए हैं। इस राज्य में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ और चमकौर साहिब, दोनों ही सीट से चुनाव हार गए हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल आम आदमी पार्टी के प्रतिद्वंद्वी से चुनाव हार गए हैं। पंजाब सरकार के अधिकतर मौजूदा और पूर्व मंत्री चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवारों से हारे हैं। गोवा में पूर्व मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार चर्चिल अलेमाओ को बेनौलिम सीट से आप उम्मीदवार के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। तटीय राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्रियों को कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हालांकि गोवा में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है और वह अगली सरकार का गठन करेगी।
उपमुख्यमंत्री मनोहर अजगांवर को विपक्ष के नेता और कांग्रेस उम्मीदवार दिगम्बर कामत ने पराजित किया जबकि अन्य उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर को क्वीपेम सीट से कांग्रेस के अल्टोन डीकोस्टा ने हराया है। इसी तरह, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू सीट से समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल से 7,337 मतों से विधानसभा चुनाव हार गए। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच बृहस्पतिवार को हुई।

Delhi News: चार प्रदेशों में भाजपा को मिले जनादेश के बाद बोले नड्डा, जनता ने मोदी को दिया आशीर्वाद

पांच राज्यों में से चार के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत को लेकर पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि भाजपा को चुनाव में एकतरफा जनता का आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए कार्यक्रम और नीतियों पर चार राज्यों की जनता ने मुहर लगाई है। नड्डा ने भाजपा मुख्यालय में चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जनता ने लगातार चार बार मोदी को प्रचंड आशीर्वाद दिया है।

उन्होंने कहा, यह 37 वर्ष बाद हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार किसी पार्टी की सरकार आई है। श्री नड्डा ने कहा, उत्तराखंड में भी पहली बार कोई सरकार दोबारा सत्ता में वापस आयी है। मणिपुर में पहली बार भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। गोवा में इस बार भाजपा ‘हैट्रिक’ लगाने जा रही है। चार राज्यों के अलावा असम के स्थानीय चुनावों में 80 में से 77 सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की है। जनता ने मोदी को भरपूर आशीर्वाद दिया है।

UP Election Result 2022: आरएसएस से जुड़े संगठन का दावा, भाजपा के खाते में गया आठ फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोट

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के लोगों ने विपक्षी दलों की ”नकारात्मक राजनीति” को खारिज करते हुए ”मोदी-योगी की शासन शैली” में फिर से अपना विश्वास जताया है। इसने यह भी दावा किया कि आठ प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोट भाजपा के खाते में गए हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रवक्ता साहिद सईद ने एक बयान में कहा, समाजवादी पार्टी के एमवाई (मुस्लिम एवं यादव) समीकरण पर भाजपा सरकार की योजनाओं और कार्यों के कार्यान्वयन का प्रभाव पूरी तरह से भारी पड़ा। उन्होंने दावा किया, मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों ने भी बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया। आठ प्रतिशत से अधिक मुस्लिम मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया।

Punjab election result Live: पंजाब में आप रचने जा रही इतिहास, बड़ी पार्टियां हुईं धराशाई

पंजाब 117 सदस्यीय विधानसभा चुनावों की आज हो रही मतगणना के अब तक के रूझानों में आम आदमी पार्टी (आप) 88 सीटों पर बढ़त हासिल कर राज्य की राजनीति में इतिहास रचने की ओर बढ़ रही है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस 15 सीटों पर बढ़त के साथ दूसरे जबकि शिरोमणि अकाली दल(शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन नौ तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन महत चार सीटों पर आगे है। एक सीट पर अन्य आगे चल रहा है।
मतगणना के शुरुआती रुझानों में बाजी मारती दिखाई दे रही है। रुझान अगर परिणाम में बदलते हैं तो पार्टी दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल कर लेगी। दो तिहाई बहुमत के लिये 78 सीटें होना जरूरी है तो ऐसे में आप काफी अंतर से आगे है। यह पहला मौका होगा जब आप की पंजाब में सरकार बनेगी।

इस समय पार्टी की दिल्ली में अपनी सरकार है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी 20 सीटें लेकर दूसरे नम्बर पर रही थी। कांग्रेस उस समय 77 सीटें लेकर सरकार बनाने में कामयाब रही थी। वहीं शिअद को 15 सीटें मिलीं थीं और इस बार भी उसकी हालत पतली नजर आ रही है। उसके दग्गित नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, बक्रिम सिंह मजीठिया मतगणना में काफी पिछड़ गये हैं। वहीं भाजपा को गत चुनाव में अपने बूते तीन सीटें जीतीं थीं और इस बार इसका पीएलसी और शिअद (संयुक्त) के साथ गठबंधन है जो ताजा रूझानों में मात्र पांच सीटों पर आगे चल रहा है। पीएलसी अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला-शहरी विधानसभा क्षेत्र से पिछड़ गये हैं।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब और भदौर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सद्धिू भी अमृतसर-पूर्वी से पीछे चल रहे हैं। पार्टी के अन्य दग्गिज चुनाव में पिछड़ गये हैं। इनमें अनेक कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा डेरा बाबा नानक और तृप्त रजिंदर बाजवा फतेहगढ़ चूड़ियां में आगे हैं।

आप के राष्ट्रीय संयोजक और दल्लिी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनादेश के लिये राज्य की जनता का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत के लिये बधाई भी दी है। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है वह उसे निभाएंगे। मिलजुल कर पंजाब के लिये काम करेंगे और राज्य को आगे लेकर जाएंगे। पार्टी के पंजाब मामलों के सह प्रभारी राघव चढ्डा ने कहा कि पंजाब की जनता ने साबित कर दिया है कि उसे केजरीवाल-भगवंत मान की जोड़ी पसंद है। इस जीत की श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं और राज्य की जनता को जाता है जिसने अन्य सभी दलों को नकारते हुये एक ईमानदार पार्टी को चुना है और ‘केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस एंड डेवलपमेंट’ को जनादेश दिया है। यह जनादेश विशुद्ध रूप से कांग्रेस और शिअद के कथित भ्रष्ट शासन के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि गत कुछ महीनों में अन्य दलों ने आप और इसके नेताओं पर अनर्गल आरोप लगा कर बहुत कीचड़ उछाला लेकिन जनता ने इन्हें करारा जबाव दिया है। उन्होंने कहा कि आप राष्ट्रीय स्तर पर एक राजनीतिक ताकत बन कर उभर रही है और कांग्रेस का विकल्प बनेगी। आप की पंजाब में जीत से यह राज्य अब उड़ता पंजाब नहीं बल्कि खुशहाल पंजाब बनेगा। उन्होंने कहा कि आप की सरकार बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के सबके लिये काम करेगी।