दिल्ली में परिसीमन आयोग का गठन निगम चुनाव टालने के लिए भाजपा का एक और पैंतरा: AAP

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आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के लिए परिसीमन आयोग का गठन करना महज एक दिखावा है। पार्टी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में नगर निगम चुनाव टालने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार का यह एक और पैंतरा है। ‘आप’ ने कहा कि गृह मंत्रालय, संशोधित दिल्ली निगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, नगर निगम वार्ड की कुल संख्या निर्धारित करने से पहले परिसीमन आयोग का गठन नहीं कर सकता। पार्टी ने कहा कि केंद्र का यह कदम अवैध है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “हमें खुशी है कि केंद्र सरकार ने एमसीडी के वार्ड परिसीमन के लिए एक समिति का गठन कर दिया। लेकिन दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, इसका कोई आदेश नहीं दिया। फिर ये समिति काम कैसे करेगी?

‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने परिसीमन आयोग के गठन को दिखावा करार देते हुए कहा कि केंद्र को पहले वार्ड की कुल संख्या तय करनी होगी। इस घटनाक्रम के संबंध में पूछे जाने पर भारद्वाज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “तभी (गृह मंत्रालय के) इस आदेश का कोई मतलब होगा। उन्होंने कहा, ‘वार्ड की कुल संख्या निर्धारित करने के पहले यह आदेश महज दिखावा है। परिसीमन की प्रक्रिया भी एक दिखावा है। पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा कि संशोधित दिल्ली नगर निगम अधिनियम में “स्पष्ट लिखा है” कि किसी भी हालत में कुल सीटों की संख्या 250 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और नगर निगम की स्थापना के समय सीटों की संख्या का निर्धारण केंद्र सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार एमसीडी के चुनाव टालने के लिए एक के बाद एक पैंतरे आजमा रही है ताकि भाजपा जब तक चाहे नगर निगम पर कब्जा बनाये रख सके।

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