मांग में सुधार और निचले आधार प्रभाव की वजह से चालू साल की पहली जनवरी-जून की छमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री सालाना आधार पर ढाई गुना हो गई है। इस दौरान आवास कीमतों में करीब सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट ‘भारतीय रियल एस्टेट
आवासीय एवं कार्यालय बाजार पहली छमाही-2022′ में कहा गया है कि इस साल की पहली जनवरी-जून की छमाही में दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री ढाई गुना होकर 29,101 इकाई पर पहुंच गई। 2021 की समान अवधि में आवासीय इकाइयों की बिक्री 11,474 इकाई रही थी। उल्लेखनीय है कि 2021 की पहली छमाही में घरों की बिक्री कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में नए मकानों की पेशकश कई गुना बढ़कर 28,726 इकाई पर पहुंच गई, जो जनवरी-जून, 2021 में 2,943 इकाई रही थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि सालाना आधार पर इस अवधि में घरों के दाम सात प्रतिशत बढ़कर 4,437 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गए।
वहीं बिना बिकी आवासीय संपत्तियां छह प्रतिशत घटकर 95,811 इकाई रह गईं। रिपोर्ट कहती है, 2022 की पहली छमाही में एनसीआर के आवास बाजार में तेजी रही। छमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कुल 29,101 आवासीय संपत्तियां बेची गईं। 2013 की दूसरी छमाही के बाद से यह किसी एक छमाही में बिक्री का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लागत में बढ़ोतरी की वजह से कई रियल एस्टेट कंपनियों ने पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान घरों की कीमतों में वृद्धि की है। दिल्ली-एनसीआर के कार्यालय बाजार के बारे में नाइट फ्रैंक ने कहा कि पहली छमाही में पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग 69 प्रतिशत बढ़कर 41 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई, जो इससे पिछले साल की समान अवधि में 24 लाख वर्ग फुट थी।