दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हमले के मामले में पुलिस को सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने के बाद सुनवाई 30 मई तक के लिए स्थगित कर दी। आम आदमी पार्टी (आप) नेता सौरभ भारद्वाज ने 30 मार्च को मुख्यमंत्री आवास पर हमले और तोड़फोड के मामले में जनहित याचिका दायर की है। अदालत ने घटना पर पुलिस की स्थिति रिपोर्ट पर नाराजगी जताई थी। भारद्वाज ने याचिका में कहा कि जिन लोगों पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा था, उन्होंने किसी तरह की परवाह किए बिना अपना कर्तव्य पूरी तरह से नहीं निभाया। उनकी जिम्मेदारी एक निर्वाचित संवैधानिक कार्यकारी की रक्षा करना थी। मुख्यमंत्री को दिल्ली पुलिस द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास पर और अधिक कर्मियों को तैनात किया था और सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर अब किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा की समीक्षा की गई है और अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। सीसीटीवी को संरक्षित किया गया है, जो जांच का हिस्सा हैं। भारद्वाज के अधिवक्ता ने हमले के संबंध में एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और समयबद्ध आपराधिक जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल को निर्देश देने की मांग की है। पुलिस ने इस मामले के स्थगन की मांग करते हुए कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन द्वारा हलफनामे का अभी सत्यापन किया जाना बाकी है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला ने व्यवस्था की विफलता के कारणों का खुलासा करने और स्थिति रिपोर्ट में खामियों के लिए जिम्मेदारी तय करने के निर्देश के साथ स्थगन के अनुरोध की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि वस्तु स्थिति और रिपोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में दिया जाना चाहिए।