कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि संसद में विपक्षी दलों के भाषण पर प्रतिबंध के बाद सरकार अब यह तय करना चाहती है कि उन्हें कौन से कपड़े पहनने चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महंगाई, बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वृद्धि के खिलाफ काले कपड़े पहन कर विरोध जताने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि काले कपड़ों में उनका विरोध राम मंदिर के खिलाफ एक संदेश है और महंगाई तो केवल एक बहाना है। कांग्रेस प्रवक्ता एवं लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार उन वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है जो कांग्रेस उठा रही है।
गोगोई ने ट्वीट किया, संसद शुरू होने के बाद से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी दलों पर नए प्रतिबंध लगा रही है- हम क्या बोलते हैं, यह तय करने से लेकर 24 सांसदों को निलंबित करने तक। अब गृह मंत्री हमारे कपड़ों का रंग और विरोध का दिन तय करना चाहते हैं। भारतीय लोकतंत्र ‘शहंशाह’ मोदी के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा, गृह मंत्री अमित शाह को यह बताना चाहिए कि महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए उनकी सरकार क्या कर रही है।
‘शहंशाह’ की सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग की समस्याओं के प्रति अंधी है लेकिन वे हमारे कपड़ों का रंग देख सकते हैं। शाह ने शुक्रवार को महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं के विरोध को पार्टी की ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति से जोड़ा था। उन्होंने कहा था कि यह प्रदर्शन इसलिए किया गया ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2020 में इस दिन राम मंदिर की नींव रखे जाने का विरोध किया जा सके।