दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में परोसे जाने वाले मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) की जांच करने के लिए एक एजेंसी नियुक्त करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भोजन गुणवत्ता और पोषण के निर्धारित मानकों को पूरा करता हो। मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्कूलों में गर्म पका हुआ खाना परोसा जाता है।
शिक्षा निदेशालय (डीओई) के एक अधिकारी ने कहा, ”सरकार एक एजेंसी की सेवा लेगी, जो स्कूलों के साथ-साथ रसोई और गोदामों से यादृच्छिक नमूने एकत्र करेगी। पके हुए भोजन के साथ ही कच्चे खाद्य पदार्थों के नमूनों का नियमित अंतराल पर परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन परोसा जाए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 1200 से अधिक सरकारी स्कूलों में इस योजना के 8.24 लाख लाभार्थी हैं।