दिल्ली हाईकोर्ट ने बत्रा को आईओए प्रमुख के रूप में काम करना बंद करने का दिया आदेश

0
128

दिल्ली उच्च न्यायालय अनुभवी खेल प्रशासक नरिंदर बत्रा को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करने का शुक्रवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति दिनेश शर्मा की अवकाश पीठ ने ओलंपियन और हॉकी विश्व कप विजेता असलम शेर खान द्वारा दायर अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया। खान की ओर से पेश हुए वकील वंशदीप डालमिया ने कहा, ”अदालत ने आदेश दिया कि नरिंदर बत्रा को तत्काल प्रभाव से आईओए अध्यक्ष के रूप में काम करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने बताया, यह अवमानना थी क्योंकि बत्रा इस अदालत के पहले के आदेश के बावजूद आईओए अध्यक्ष के रूप में बैठक में भाग ले रहे थे।

उन्होंने बताया, अदालत ने यह भी कहा कि वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल खन्ना आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष होंगे। बत्रा को 25 मई को आईओए प्रमुख के पद से हटा दिया गया था, जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने हॉकी इंडिया में ‘आजीवन सदस्य’ के पद को रद्द कर दिया था, जिसके सौजन्य से उन्होंने 2017 में शीर्ष निकाय चुनाव लड़ा और जीता था। उस समय भी आईओए ने खन्ना को अपना कार्यवाहक प्रमुख बनाया था। बत्रा ने हॉकी इंडिया के प्रतिनिधि (आजीवन सदस्य) के रूप में आईओए अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 25 मई को  हॉकी इंडिया में ‘आजीवन सदस्य’ का पद खत्म किये जाने के बाद वरिष्ठ खेल प्रशासक बत्रा को आईओए अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। बत्रा ने हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य के रूप में ही 2017 में आईओए अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और जीता था। खान ने कहा, बत्रा पिछले महीने के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी आईओए अध्यक्ष के पद से इस्तीफा नहीं दे रहे थे। इसलिए, मुझे अदालत की अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी। यह उनकी निजी संपत्ति नहीं है, यह एक राष्ट्रीय निकाय है और सभी को अदालत के फैसले का पालन करना होगा। लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे है। खान की याचिका पर न्यायमूर्ति नजमी वजीरी और न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ पिछले महीने फैसला दिया था, हॉकी इंडिया का प्रशासनिक ढांचा, आजीवन अध्यक्ष और आजीवन सदस्यों के कारण गलत और अवैध ढंग से गठित है। भारत सरकार ऐसे राष्ट्रीय खेल महासंघ को मान्यता नहीं दे सकती जिसका संविधान खेल संहिता के अंतर्गत नहीं हो। राष्ट्रीय खेल महासंघ में आजीवन अध्यक्ष, आजीवन सदस्य के पद अवैध हैं और साथ ही प्रबंधन समिति में सीईओ का पद भी। इन पद को हटाया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here