Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: नई अदालतों को सौंपे जाएंगे एनआईए कोर्ट के मामले

0
181

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की दो विशेष अदालतों द्वारा सुने जा रहे सभी अन्य मामलों को वापस लेने और उनके लंबित होने के कारण उन्हें नव गठित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) की तीन अदालतों को सौंपने का फैसला लिया है। यूएपीए के एक आरोपी द्वारा एक याचिका पर दाखिल हलफनामे में उच्च न्यायालय प्रशासन ने कहा कि उसकी प्रशासनिक और सामान्य पर्यवेक्षक समिति ने एएसजे-02 और एएसजे-03 से मामले वापस लेने का फैसला किया है।

ये नयी दिल्ली जिला में विशेष अदालतें थीं। इन मामलों को संबंधित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की नयी एएसजे अदालतों को सौंपा जाएगा। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के आरोपी ने याचिका में एक विशेष एनआईए अदालत में लंबित अपने मामले पर हर रोज सुनवाई करने का अनुरोध किया है। उच्च न्यायालय के संयुक्त पंजीयक द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है, एएसजे-02 की अदालत राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून, 2008 की धारा 22 के तहत एक विशेष अदालत होने के नाते ताजा/लंबित मामलों में सुनवायी जारी रखेगी…वह मौजूदा व्यवस्था के अनुसार उसके समक्ष दायर ऐसे नए मामलों के साथ ही गैरकानूनी गतिविधियों रोकथाम कानून के तहत लंबित सभी मामलों की सुनवाई करती रहेगी।

उसने कहा, इसी तरह एएसजे-03 की अदालत एनआईए की जांच वाले अधिसूचित अपराधों के मुकदमों के साथ ही महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 के तहत आने वाले मामलों के लिए विशेष अदालत होने के नाते ताजा/लंबित मामलों की सुनवाई जारी रखेगी। हलफनामे में कहा गया है कि नयी एएसजे अदालतों में से एक को एससी/एसटी कानून और सेबी कानून के तहत विशेष अदालत के तौर पर अतिरिक्त रूप से नामित किया जाएगा।

पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह सर्वोपरि है कि यूएपीए के तहत मामलों की सुनवाई त्वरित हो और उच्च न्यायालय प्राधिकारियों को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए तथा उनकी सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने के वास्ते उचित सिफारिशें करनी चाहिए। अदालत ने यह भी कहा था कि चूंकि यूएपीए के तहत मामले गंभीर अपराध होते हैं और इसमें विदेशी नागरिक भी जुड़े होते हैं तो उनके लिए जमानत लेना आसान नहीं होता और मुकदमों की सुनवाई में अच्छा-खासा वक्त लगता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here