दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ रविवार को असोला-भाटी माइंस वन क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस इलाके को विश्व स्तरीय ‘इको टूरिज्म’ स्थल के रूप में विकसित करने के लिए ‘मास्टर प्लान’ तैयार करें। यहां जारी एक बयान के मुताबिक, सक्सेना ने अधिकारियों से कहा कि वे 30 दिनों के भीतर इस इलाके में मौजूद बड़े-बड़े गड्ढों को जलाशय में तब्दील करने के लिए मास्टर प्लान” तैयार करें, ताकि बारिश, बाढ़ आदि के पानी को जमा किया जा सके और भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके।
बयान के अनुसार, उपराज्यपाल ने इलाके को विश्व स्तरीय इको टूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन) स्थल के रूप में विकसित करने का भी निर्देश दिया। सक्सेना ने इससे पहले 31 मई को इलाके का दौरा किया था। बयान के मुताबिक, मास्टर प्लान संबंधित विभागों के अधिकारियों की समिति द्वारा विशेषज्ञों और संस्थानों के परामर्श के आधार पर तैयार किया जाएगा। इको टूरिज्म स्थल से जुड़े मास्टर प्लान में तितलियों के क्षेत्र, वन्य जीव क्षेत्र, साइकिल मार्ग, पैदल मार्ग, पक्षियों को देखने के स्थान और रोपवे आदि के निर्माण की योजना शामिल होगी। बयान में कहा गया है कि सक्सेना, केजरीवाल और सिसोदिया 14 गड्ढों (चार बड़े और 10 छोटे) को जलाशय में तब्दील करने पर सहमत हैं, जिनकी कुल जल संचय क्षमता 80 करोड़ गैलन है और ये राष्ट्रीय राजधानी में भू जलस्तर को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। बयान के अनुसार, असोला भाटी माइंस इलाके के पुनरुद्धार और पुनर्विकास के लिए ”मास्टर प्लान” बनाने का फैसला किया गया है।