दिल्ली नगर निगम के चुनाव में अभी काफी समय है। चुनाव आयोग ने अभी एमसीडी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है लेकिन उससे पहले ही दिल्ली के सात हजार से ज्यादा पेंशन भोगियों के घर आर्थिक तंगी छा गई। वजह बेहद चौंकाने वाली है। दरअसल पूर्वी दिल्ली नगर निगम के करीब सात हजार से अधिक पेंशनभोगिंयों को छह माह से पेंशन नहीं मिल रही है कमोबेश सभी के घरों में आर्थिक तंगी की झलक देखने को मिलती है। अनेक पेंशनभोगी बुर्जुगों का कहना हैं कि आखिर कब तक पेंशन के लिए उन्हें इंतजार करना होगा, बगैर पैसे के त्यौहार कैसा।
63 साल के पेंशनभोगी राजेंद्र होली के पर्व पर अपने घर में ही कैद होकर रहे। वह कहते हैं कि छह माह से जब पेंशन नहीं मिलेगी तो होली में उल्लास और उमंग कैसे आएगी। आर्थिक तंगी ने होली का त्योहार कतई फीका कर दिया। घर में ना कोई पकवान बने और ना ही गुंजिया। आर्थिक तंगी की वजह से वह घर में मन मसोस कर रह गए। जब से वह सेवानिवृत हुए हैं उनका बचत का पीएफ और अन्य मदों का पैसा भी जारी नहीं किया गया है। बुढ़ापे में दो रोटी का एक मात्र सहारा थी पेंशन वह भी छह माह से नहीं जारी हुई है। उकना कहना है कि करीब सात हजार पेंशनभोगी हैं उनमें से अधिकांश की स्थिति बेहद दयनीय है।
खूजरी खास निवासी पेंशनभोगी हरबीर कहते हैं परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा उसकी पत्नी, दो बच्चे हैं। बेटे की कोराना काल से बेरेाजगार चल रहा है। सितम्बर माह से उन्हें पेंशन नहीं मिली है अब दुकानदारों ने उधार देना भी बंद कर दिया है। पत्नी का यशोदा अस्पताल में इलाज चल रहा है ,मेडिकल के बिल भी अब तक कार्यांलय से नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के चलते कैसी होली किसकी होली। जगदीश पांडे सोनिया विहार चौहान पट्टी निवासी जगदीश पांडे तथा बुराड़ी निवासी पेंशनभेागी रघुबीर सिंह की भी सितम्बर माह से पेंशन ना मिलने की वजह से कमाबेश ऐसी ही हालत है। इनका कहना है कि जब पैसा नहीं पास तो कैसा त्योहार। निगम विभाग में 40 साल सेवा करने के बाद अब अपनी पेंशन के लिए मोहताज हो रहे हैं।